-नया संबद्धता आदेश जारी होने में देर पर एनसीटीई ने निकाला बीच का रास्ता
- शपथपत्र देने वालों की सीट में नहीं होगी कोई कमी
- रेग्यूलेशन 2014 के संबंध में एनसीटीई ने मांगा था शपथ पत्र
GORAKHPUR :
डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएड कालेज, जो सीटें घटने से परेशान थे, उनके लिए राहत भरी खबर है। संबद्धता रिलेटेड आदेश जारी होने में हो रही देर को देखते हुए एनसीटीई ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। इसके तहत अब उनकी सीटें इस बार पिछली जितनी ही रहेंगी। इसके लिए कंडीशन यह है कि उन्होंने एनसीटीई को कॉलेज में व्यवस्थागत सुधार लाने के लिए शपथपत्र दिया हो। इसके लिए एनसीटीई ने 3 जून को ही सभी यूनिवर्सिटी को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि जिनकी संबद्धता समाप्त हो चुकी हो अथवा प्रकरण कोर्ट के समक्ष लंबित हो, उन्हें इस आदेश का लाभ नहीं मिलेगा।
मांगा था शपथपत्र
यूनिवर्सिटीज के रजिस्ट्रार को भेजे गए लेटर में एनसीटीई ने बीएड कोर्स के संबंध में जारी रेग्यूलेशन 2014 के तहत कालेजों में व्यवस्थागत सुधार करने की बात कही गई थी, चूंकि अब यह कोर्स दो वर्ष का हो गया है ऐसे में टीचर्स की संख्या, भवन, क्लासेज आदि बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए उन्होंने सभी कालेजों से फैसिलिटी कंप्लीट करने के लिए शपथ पत्र मांगा था। जिसे बड़ी संख्या में कालेजों ने उपलब्ध करा भी दिया। शपथ पत्र के बाद कालेजों की संबद्धता का नया आदेश दिया जाना था लेकिन कार्य की अधिकता की वजह से अब तक बड़ी संख्या में यह आदेश जारी नहीं किए जा सके।
हाईकोर्ट के रुख पर यूनिवर्सिटी का फैसला
एनसीटीई ने भले ही शपथ पत्र देने वाले कालेजों की सीटें पूर्ववत रखने का आदेश दिया हो, लेकिन अब निजी कालेजों की ओर से मामला हाईकोर्ट में दाखिल हो चुका है। ऐसे में यूनिवर्सिटी अगला कदम बढ़ाने से पहले कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। सोर्सेज की मानें तो यूनिवर्सिटी का अगला कदम भी हाईकोर्ट के रुख पर निर्भर करेगा। मामले की पहली सुनवाई ट्यूज्डे को होनी है।