गोरखपुर (ब्यूरो).यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से पहले ही एनसी हॉस्टल को खाली करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, करीब 66 स्टूडेंट्स ऐसे थे, जिनके एग्जाम चल रहे थे और यह अब भी हॉस्टल में थे। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन इन स्टूडेंट्स को एक हफ्ते के लिए दूसरे हॉस्टलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। केवल उन स्टूडेंट्स को ही दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है, जिनके पास वैलिड आईडी कार्ड है और वो ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भर रहे हैं।

एक हफ्ते में होगा रिनुअल

एक हफ्ते के बाद नए सिरे से एनसी हॉस्टल समेत सभी हॉस्टलों का आवंटन होगा। ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से स्टडेंट्स को को हॉस्टल आवंटन का आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से आवेदन पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। आईडी कार्ड से मिलान के बाद ही स्टूडेंट्स को हॉस्टल का आवंटन होगा।

बाहरियों की वजह से अच्छे स्टूडेंट्स हो रहे परेशान

डीडीयूजीयू में फर्जी तरीके से रह रहे लोगों की वजह से वहां रहने वाले होनहार स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बाहरी तत्व हॉस्टल में अराजकता फैला रहे हैं। इसके बाद जब यूनिवर्सिटी प्रशासन एक्शन लेता है, तब बेकसूर बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ती है। नाम ना छापने की शर्त पर कुछ बच्चों ने बताया कि हॉस्टल में बहुत सारे लोग फर्जी तरीके से रह रहे हैं। विरोध करने पर वह दबंगई पर उतर जाते हैं। इसके साथ ही जब यूनिवर्सिटी प्रशासन किसी तरह का कोई एक्शन लेता है, तब ये भाग जाते हैं। इसके बाद हम लोगों को सब कुछ झेेलना पड़ता है।

एक नजर में ब्यॉज हॉस्टल

हॉस्टल कैपेसिटी

स्वामी विवेकानंद 100

बुद्धा हॉस्टल 149

संत कबीर 130

आरपी शुक्ल 104

(नोट: एनसी हॉस्टल का रेनोवेशन होना है, इसीलिए उसमें इस बार अलॉटमेंट नहीं होगा.)

एनसी हॉस्टल को खाली करा दिया गया है। वीसी के निर्देश पर एक हफ्ते के अंदर पोर्टल को चालू करके बच्चों का रीन्यूअल किया जाएगा। हॉस्टल में किसी भी बाहरी व्यक्ति के लिए कोई जगह नहीं हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

- प्रो। शिवकांत सिंह, चीफ वार्डन