- डीडीयूजीयू में नेशनल सेमीनार का समापन
- वर्तमान में पूंजीवादी संस्कृति का बोलबाला
GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग में ग्लोबलाइजेशन, मीडिया एंड कल्चर : इश्यूज एंड परसपेक्टिवस विषय पर आयोजित नेशनल सेमीनार का समापन रविवार को हुआ। कार्यक्रम में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एमिरिटेस प्रो। नूर मोहम्मद, समाजशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजशास्त्री प्रो। प्रभाशंकर पांडेय, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो। अशोक कुमार श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र प्रो। राम प्रकाश मौजूद रहे।
भाषा की विकृति से संस्कृति विकृति
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए यूजीसी द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ। मानवेंद्र प्रताप सिंह ने दो दिनों के विमर्श, सेमीनार के महत्व और प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए लोगों को विधिवत जानकारी दी। समापन सत्र कों एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज के पूर्व चेयरमैन एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। प्रभाशंकर पांडेय ने संबोधित किया। कहा कि भूमंडलीकरण की प्रक्रिया मीडिया एवं तकनीकी के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल रही है। टेक्नालॉजी की गत्यात्मकता भाषा की प्रकृति को बदल रही है। भाषा की विकृति से संस्कृति विकृत हो रही है। उन्होंने कहा कि पूंजीवादी संस्कृति को भूमंडलीकरण ने बढ़ावा दिया है। पूंजीवादी संस्कृति में अस्मिता, भावनाओं और स्वयं का व्यक्ति खतरे में है।
बदलाव पर चर्चा करें समाजशास्त्री
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता कला संकाय प्रो। अशोक कुमार ने कहा कि समाजशास्त्रियों का दायित्व है कि वह समाज में हो रहे समकालीन बदलाव पर परिचर्चा करें जिससे उसकी कमियों को दूर करके समाज के लिए लाभकर बनाया जा सके। कार्यक्रम के अंत में संयोजक प्रो। राम प्रकाश ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उपाचार्य डॉ। संगीता पांडेय, अर्चना सिंह, प्रो। कीर्ति पांडेय, डॉ। संगीता पांडेय, डॉ। शफीक अहमद, डॉ। अनुराग द्विवेदी, डॉ। शुभि धुसिया, डॉ। अंजू सहित कई शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।