गोरखपुर (ब्यूरो)।दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के होम साइंस डिपार्टमेंट और इंटैक गोरखपुर चैप्टर के सहयोग से संवाद भवन में 'पोषण एवं खाद्य सुरक्षा के लिए मिलेट्सÓ पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार ऑर्गनाइज हुआ। इनॉगरल सेशन की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई। चीफ गेस्ट डायरेक्टर एग्रीकल्चर लखनऊ विवेक सिंह ने अपने संबोधन में कहा की मिलेट्स के प्रोडक्शन में सबसे बड़ी समस्या बीजों की उपलब्धता है। प्रोडक्शन होने के बाद मार्केट की उपलब्धता भी एक प्रमुख समस्या है। इस कारण किसान प्रोडक्शन करने से परहेज करते हैं। मिलेट्स प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए मार्केट में डिमांड बढऩा जरूरी है।

प्राचीन शीलाओं पर मिलेट्स के चित्र

कीनोट स्पीकर डीन होम साइंस भीमराव अंबेडकर लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रो। सुनीता मिश्रा ने मिलेट्स के विभिन्न प्रकारों के बारे में बताया। इसके साथ ही मिलट्स से बनने वाले व्यंजन के बारे में भी जानकारी दी। दूसरे कीनोट स्पीकर प्रो। राजवंत राव ने बताया कि प्राचीन शीलाओं पर भी मिलेट्स के चित्र बने हुए मिलते हैं। जो कि इस बात का सूचक है कि लोग पाषाढ़ काल से हम मिलेट्स का उपयोग कर रहे हैं।

मिलेट्स के एक्टेंडेड स्नैक्स

कॉलेज ऑफ होम साइंस, एएनडीयूएटी, कुमारगंज फैजाबाद की प्रो। प्रतिभा सिंह ने कहा कि मिलेट्स एक महत्वपूर्ण फसल है। इसके महत्व के कारण हमें इससे बने व्यंजनों को वापस अपने मेज पर लाने की आवश्यकता है। उन्होंने मिलेट्स के पोषण मूल्य और उसके औषधीय लाभ के बारे में बात की। उन्होंने मिलेट्स आधारित उत्पाद जैसे - मिलेट्स आटा, मिलेट्स केक, मिलेट्स पिज्जा बेस, मिलेट्स आधारित एक्सटेंडेड स्नैक्स पर भी ध्यान केंद्रित किया है। यह उत्पाद प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होते हैं।

विटामिन डी का श्रोत

इंटैक के मेंबर नीरज अस्थाना मिलेट्स के पोषण मूल्य पर ध्यान केंद्रित कर कहा कि हमारे खाने की आदत को मिलेट्स से बदलना चाहिए। उन्होंने बताया कि रागी विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत है, कोदो को शुगर फ्री चावल कहा जाता है और बाजरा बीटा केरोटीन का स्रोत है। यह लस मुक्त फसलें हैं जो मधुमेह, रक्तचाप, मोटापा और एनीमिया के रोगों के लिए बहुत अधिक प्रभावी होती हैं। समानांतर सत्र में चल रहे पोस्टर एवं रेसिपी कॉम्प्टीशन में विनर्स को पुरस्कार वितरण किया गया। प्रो। दिव्या रानी सिंह ने विभिन्न वक्ताओं के व्याख्यानों का संक्षिप्त परिचय देते हुए मिलेट्स को लैंड से प्लेट तक लाने की मुख्य बातों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। इस दौरान डॉ। एके सिंह, प्रो। दिनेश यादव, प्रो। शोभा गौड़, डॉ। नीता सिंह, प्रो। प्रतिभा सिंह, प्रो। एसएस दास, प्रो। सुधा यादव, डॉ। उपेंद्र त्रिपाठी, प्रो। बीएन पांडेय, हीरल अग्रवाल, डॉ। मधु गुलाटी, शिवांगी मिश्रा, समीरा हसन आदि मौजूद रहीं।