- मारवाड़ बिजनेस स्कूल में मंगलवार से शुरू हुआ दो दिवसीय नेशनल सेमिनार
- मैन एंड बायोस्फियर टॉपिक पर एक्सपर्ट्स ने रखे अपने विचार
GORAKHPUR: हमारा राष्ट्र विभिन्न विधाओं एवं प्रजातियों से भार है। यहां पर विभिन्न प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं। यदि हम सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए ही जंगलों का प्रयोग करें तो यह उचित है, लेकिन यदि हम लालच के प्रभाव में आए तो हम पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। यह बातें बतौर चीफ गेस्ट सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ के चीफ साइंटिस्ट डॉ। डीके उपरेती ने कही। वह मारवाड़ बिजनेस स्कूल के जूलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से ऑर्गनाइज मैन एंड बायोस्फियर टॉपिक पर ऑर्गनाइज दो दिवसीय नेशनल सेमिनार में मौजूद थे।
30 वर्ष में खत्म हो जाएंगे जीव
नेशनल सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए डीडीयूजीयू प्राणी विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। सीपीएम त्रिपाठी ने कहा कि हमारी पृथ्वी लगभग चार अरब साल पहले की है। अब हमारी नदियां लगभग 70 प्रतिशत प्रदूषित होती जा रही हैं। यही हाल रहा तो जीव-जन्तु सब समाप्त हो जाएंगे। डीडीयूजीयू प्राणी विज्ञान के डॉ। आरके उपाध्याय ने कहा कि पर्यावरण क्षरण ऐसे ही होता रहा तो धीरे-धीरे 17 प्रतिशत जीव जन्तु 30 वर्ष में खत्म हो जाएंगे। हम सभी बायो स्पेयर से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। संतोष कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम की शरूआत की।
सोवीनियर का हुआ लोकार्पण
सेमिनार के पहले दिन सोविनियर का लोकार्पण भी किया गया। इसमें डेलीगेट्स के 48 रिसर्च पेपर का सारांश मौजूद है। प्रोग्राम का संचालन डॉ। पूनम ओझा और धन्यवाद ज्ञापन प्रो। बीएल सराफ ने किया। सेमिनार में कुल 109 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। पहले दिन 18 पेपर प्रस्तुत किए गए। डॉ। केशव सिंह का व्याख्यान व पेपर प्रजेंटेशन हुआ। इस दौरान एनबीआरआई लखनऊ में साइंटिस्ट डॉ। ज्योति टंडन, डॉ। राजेश वाजपेयी और डीडीयूजीयू के डॉ। सुनील सिंह, डॉ। अजय सिंह, डॉ। बीना वत्रा कुशवाहा, डॉ। बद्रे आलम अंसारी, डॉ। पीएच पाठक, डॉ। एसके त्रिपाठी समेत डेलीगेट्स व रिसर्च स्कालर्स मौजूद रहे।