-डीडीयूजीयू फिजिक्स डिपार्टमेंट में शुरू किया गया तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस
- बीएचयू से आए पदमश्री समेत राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
GORAKHPUR: क्रियाशील पदार्थ वो पदार्थ है, जिसका अपना गुण होता है। नैनो पार्टिकिल्स ऐसे ही पदार्थो में से एक है। जो अति सुक्ष्म होते है और उनमें काफी खूबियां भी होती हैं। इनके थ्रू नए प्रयोग हो सकते हैं। इसमें सोना, चांदी आदि को नैनो साइज में बदलकर उनके भौतिक, रसायनिक एवं जैविक गुणों को क्रियाशील किया जा सकता है। नैनो मैटेरियल की भविष्यवाणी सबसे पहले नोवेल पुरस्कार से नवाजे गए भौतिकविद् रिचर्ड फाइनमैन ने की थी। यह बातें बीएचयू से आए पदमश्री प्रो। ओंकार नाथ श्रीवास्तव ने कही। वह डीडीयूजीयू फिजिक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र पर बतौर चीफ गेस्ट अपना लेक्चर दे रहे थे।
96 शोत्र पत्र के होंगे पोस्टर प्रदर्शन
डीडीयूजीयू के फिजिक्स डिपार्टमेंट की में आयोजित सेमिनार का बुधवार को उद्घाटन किया गया। फिजिक्स डिपार्टमेंट के रूम नंबर 113 में ऑर्गनाइज इस प्रोग्राम में नैनो पार्टिकिल्स को लेकर डिस्कशन किया गया। क्रियाशील पदार्थो पर केंद्रित नेशनल कांफ्रेंस की अध्यक्षता डीडीयूजीयू वीसी प्रो। अशोक कुमार ने की। डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रो। सुग्रीव नाथ तिवारी ने नेशनल कांफ्रेंस में आए चीफ गेस्ट, स्पेशल गेस्ट व उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे डीडीयूजीयू वीसी का स्वागत किया। इन तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 32 आंमत्रित शोध-पत्र और 30 शोध-पत्रों का वाचन और लगभग 96 शोध-पत्रों का पोस्टर प्रदर्शन किए जाएंगे।
कैंसर इलाज में ज्यादा प्रभावी
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे वीसी प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि इस प्रकार के क्रियाशील पदार्थ कैंसर के इलाज में ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं। उन्होंने फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी इस वर्ष दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है। वह दिन दूर नहीं है कि वे अपने पड़ोस के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, महामना मदन मोहन मालवीय जी का जन्म शताब्दी समारोह मनाएंगे।
जल है महत्वपूर्ण क्रियाशील पदार्थ
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से आए प्रो। यशवंत सिंह ने क्रियाशील पदार्थो के सिमेट्री ब्रेकिंग विषय पर स्पेशल लेक्चर पेश किया। उन्होंने बताया कि पदार्थो केरूपांतरण जैसे ठोस, द्रव, गैस आदि तथा मैगनेटिक से नॉन मैग्नेटिक व्यवहार पर प्रकाश डाला। उन्होंने जल को सबसे महत्वपूर्ण क्रियाशील पदार्थ बताया। व्याख्यान के दौरान गॉड पार्टिकिल (हिग्स वोसॉन) पर भर प्रकाश डाला।
एक्सपर्ट्स ने रखे अपने विचार
दूसरे व्याख्यान में प्रो। एस.एन। ठाकुर ने प्रकाश तथा उनके विशिष्ट गुणों का मानव को उन्नत बनाने से लेकर अंतरिक्ष, खगोल, भूगर्भ एवं चिकित्सा क्षेत्रों में उपयोगिता रेखांकित किया। प्रो। महेश्वर मिश्रा ने सत्र की अध्यक्षता की। तृतीय सत्र में मेरीलैण्ड (अमेरिका) से आये प्रो। एन.बी। सिंह, प्रो। आर। तिवारी (काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी) और अन्य एक्सपर्ट्स ने कुल 8 आमंत्रित शोध-पत्र प्रस्तुत किए। इस दौरान यूनिवर्सिटी के विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो। एसके सेन गुप्ता, प्रो। एचएस शुक्ला, प्रो। जय प्रकाश, प्रो। एलएन त्रिपाठी, प्रो। महेश्वर मिश्रा, प्रो। जेएन राय, प्रो। सीपीएम त्रिपाठी, प्रो। डीके सिंह, प्रो। एनबी सिंह, प्रो। यशवंत सिंह, प्रो। आरएस तिवारी, प्रो। एसएन ठाकुर, प्रो। जीडी वर्मा, प्रो। केडी मंडल, प्रो। आरपी शर्मा, डॉ। सुधाकर लाल श्रीवास्तव समेत अन्य टीचर्स व स्टूडेंट्स मौजूद रहे।