- नहीं है नाला सफाई करने वाले कर्मचारी, बारिश में फिर होगी प्रॉब्लम

- नगर निगम ने निकाला टेंडर, सिर्फ 10 सफाईकर्मियों के भरोसे होगी नाला सफाई

GORAKHPUR : बारिश में फिर पानी से भरी रोड्स में डुबकी लगाने को तैयार रहिए। नगर निगम ने सिटी के ख्फ्9 नालों की सफाई सिर्फ क्0 नाला गैंग के हवाले की गई है। अब नालों की सिर्फ मौसमी सफाई ही हो पाएगी। बरसात से पहले एक बार नाला सफाई होगी और बाद में अगर नाले जाम हुए तो गोरखपुराइट्स भुगतेंगे। वाटर लॉगिंग से निपटने को नगर निगम का ये लापरवाह रवैया दिखा है चार दिन पहले सफाईकर्मियों के लिए निकाले गए टेंडर में। टेंडर में नाला सफाई करने वाले नाला गैंग के नाम पर महज क्0 कर्मचारियों की तैनाती का निर्णय लिया गया है, जबकि जरूरत कम से कम क्00 कर्मचारियों की है।

ये भुगतती है जनता

- नालों में जल जमाव

- नालों का पानी सड़क पर बहना

- बदबू के कारण रहना मुश्किल

- दूषित पानी से फैलता है संक्रमण

- नदियां और वाटर रिसोर्सेज होते हैं प्रदूषित

साफ होने से यह होगा लाभ

- नाले जाम नहीं होंगे

- जलजमाव न होने से बदबू से मिलेगी निजात

- संक्रमण का खतरा नहीं होगा

- नदी और रामगढ़ताल में प्रदूषण का रिस्क कम होगा

मिनिमम क्00 कर्मचारी मिलें, तब चले काम

नगर निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक अखिलेश श्रीवास्तव का कहना है कि सिटी में अभी तक नालों की केवल मौसमी सफाई होती है। मार्च से नालों की सफाई शुरू होती है और जून में समाप्त हो जाती है। इस दौरान बाहर से लगभग ब्00 मजदूर मंगाए जाते हैं जबकि नाला गैंग के क्0 सफाईकर्मी पूरे साल काम करते हैं। अगर हर माह क्00 सफाईकर्मी नाला सफाई में लगाए जाएं और हर महीने सफाई हो तो जिन नालों की सफाई के लिए मार्च से जून तक मशक्कत करनी पड़ती है, वह कम हो जाएगी। साथ ही कई एरियाज में नालों पर अतिक्रमण होने लगा है, उससे भी निजात मिल जाएगी।

लालडिग्गी का नाला अक्सर ओवरफ्लो हो जाता है। कई बार कंप्लेन करने के बाद एक या दो सफाईकर्मी आते हैं। अगर नाला गैंग की पर्याप्त संख्या रहती तो यह स्थिति नहीं बनती।

संजीव सिंह सोनू, पार्षद, वार्ड नं 70 शेषपुर

पिछले एक साल अपने बरगदवां चौराहे से लेकर नकहा क्रासिंग तक नाले की सफाई के लिए कंप्लेन कर रहा हूं, लेकिन आज तक नहीं हुई, हर बार कर्मचारियों की कमी का रोना रोया जाता है।

जर्नादन चौधरी, पार्षद, वार्ड नं भ्फ् विकास नगर