- दंड मिलने के बावजूद नहीं सुधर रहे नगर निगम के सफाई कर्मचारी
- पिछले तीन माह में लापरवाही पर 7 लाख रुपए की हो चुकी है कटौती
GORAKHPUR : नगर निगम के सफाई कर्मचारियों में सुधार की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। ऐसा हम नहीं, नगर निगम के आंकड़ें बयां करते हैं। लगातार कार्रवाई के बावजूद उनकी कार्यशैली में कोई सुधार दिखाई नहीं देता। हालात ये हैं कि पिछले तीन माह में नगर आयुक्त के निरीक्षण के दौरान गायब मिलने पर वेतन से करीब 7 लाख रुपए की कटौती की जा चुकी है। इसके बावजूद शहर में कूड़ा पड़ा रहता है और सफाईकर्मी गायब रहते हैं।
40 प्रतिशत मिलते हैं गायब
शहर में कुल 70 वार्ड हैं। इनमें से 43 वार्ड की सफाई ठेके पर होती है। इन वार्डो की सफाई के लिए नगर निगम ने कुल 65 फर्म को सफाई की जिम्मेदारी दी है। यह फर्म लगभग 1800 कर्मचारियों के भरोसे सिटी की सफाई करती है। नगर निगम के अफसरों की मानें तो अगर डेली इंस्पेक्शन किया जाए तो कम से कम 40 परसेंट सफाईकर्मी गायब मिलेंगे। पिछले साल कर्मचारियों के गायब मिलने की लगातार कंप्लेन के बाद नगर आयुक्त ने 10 सदस्यीय टीम का गठन किया था। नगर आयुक्त ने आदेश दिया था कि टीम मेंबर्स अपने-अपने एरिया में जाकर सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच करेंगे। छह माह तक इस टीम ने काम किया, उस दौरान कर्मचारियों की उपस्थिति भी 90 परसेंट तक पहुंच गई थी। लेकिन जैसे ही यह टीम निष्क्रिय हुई, सफाईकर्मचारियों की फिर से मौज शुरू हो गई।
कुछ यूं कटा वेतन
मंथ कटौती
अप्रैल 209750
मई 207580
जून 170000
औचक निरीक्षण में गैरहाजिर मिलने पर प्राथमिक जांच की जाती है। जो भी दोषी मिलता है, उस पर कार्रवाई की जाती है। कर्मचारी के दोषी पाए जाने पर वेतन में कटौती की जाती है और अगर ठेकेदार दोषी मिलता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त