- निषाद आंदोलन के 31 आरोपी भेजे गए जेल

GORAKHPUR : निषाद आंदोलन में हिंसा के आरोपी 31 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेजा। मंडे को पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। पेशी पर अभियुक्तों ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कोर्ट में कहा कि हमारी गाड़ी को जलाकर हमको मुल्जिम बना दिया गया। उधर, आंदोलनस्थल का पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने दोबारा इंस्पेक्शन किया। विवेचना के लिए साक्ष्य जुटाने पुलिस पहुंची। एसएसपी प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस सूत्रों का कहना है आरोपियों पर रासुका लगाने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है।

रोकी रेल सेवा, अचानक भड़की हिंसा

अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने, पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर निषाद समुदाय एकजुट है। संडे को मैनपुरी, इटावा, सैफई, बहराइच, आजमगढ़ सहित कई जिलों से निषाद समुदाय के करीब चार लोग मगहर पहुंचे। गोरखपुर जिले के बार्डर स्थित कसरवल में रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। सुबह 10 बजे से शुरू आंदोलन में कई राउंड की बातचीत के बाद मामला नहीं सुलझ सका। दोपहर करीब ढाई बजे अचानक बवाल बढ़ने पर पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। दोनों तरफ से पथराव में पब्लिक, पुलिस और प्रशासन के अफसर- कर्मचारी घायल हो गए। हाइवे पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने बसों में तोड़फोड़ किया। उधर गुस्साएं पुलिस कर्मचारियों ने आंदोलनकारियों की व्हीकल को आग के हवाले कर दिया। हालांकि पुलिस ने कहा कि झाडि़यों में आग लगने से गाडि़यां जल गई।

30 नामजद, दो हजार अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

निषाद आंदोलन के दौरान तोड़फोड़, आगजनी, बवाल, रेलवे ट्रैक बाधित करने, हाइवे पर जाम लगने, जानलेवा हमला करने सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया। संडे नाइट सहजनवां के एसओ श्यामलाल यादव की तहरीर पर पुलिस ने आंदोलन के अगुवा संजय निषाद सहित 30 को नामजद किया। करीब दो हजार अज्ञात लोगों को मुल्जिम बनाया। मंडे को पुलिस ने करीब 40 लोगों को अरेस्ट कर लिया जिनमें 31 लोगों को कोर्ट में पेश किया गया।

हमारी गाड़ी जलाई, हमको बनाया मुल्जिम

अरेस्ट किए गए 31 अभियुक्तों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में अभियुक्तों ने पुलिस पर दोष मढ़ा। कहा कि उनकी गाडि़यों को पुलिस ने आग के हवाले कर दिया। इसके बाद फिर मुल्जिम बना दिया। कोर्ट ने अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पुलिस अन्य अभियुक्तों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। इसके लिए पुलिस तथ्य जुटाने में लगी है। मंडे को घटनास्थल का पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने जायजा लिया। एसएसपी प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचे।

बचपन से बड़ा नेता बनना चाहता था अखिलेश

निषाद आंदोलन में फायरिंग के दौरान मारे गए युवक की पहचान इटावा जिले के बकेश्वर, मड़ईया, दिलीप नगर निवासी आत्माराम के बेटे अखिलेश के रूप में हुई। आंदोलन में शामिल होने के लिए वह करीब पांच सौ युवकों के साथ गोरखपुर पहुंचा था। बीएससी फाइनल ईयर का स्टूडेंट अखिलेश मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बहनें रंजना, वंदना और संध्या हैं। घर का खर्च चलाने के लिए पिता मजदूरी करते हैं। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे चचेरे भाई अमृत और अभिनेष कुमार सिंह ने उसकी पहचान की। बताया कि जूनियर हाईस्कूल चलाने वाले अखिलेश बचपन से बड़ा नेता बनने की चाह रखता था। आंदोलन की सूचना मिलने पर वह अपने साथ सौ युवकों को लेकर पहुंचा। एरिया में होने वाले हर प्रोग्राम में बढ़चढ़कर भागीदारी निभाता था। पब्लिक की समस्या के लिए वह जिला मुख्यालय तक दौड़भाग करता था। उधर पंचायतनामा भरने को लेकर सहजनवां पुलिस और प्रशासन के अफसर मंथन करते रहे। देर शाम तक अखिलेश का पंचनामा भरा गया। जबकि परिजन सुबह ही डेड बॉडी की पहचान करने पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए।

अर्दली भी इंसान होते हैं साहब

आंदोलन के दौरान अर्दलियों की सुरक्षा को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। पुलिस और प्रशासन के अफसरों, कर्मचारियों ने अपनी-अपनी सुरक्षा का इंतजाम तो कर लिया। लेकिन साहेबान के साथ पहुंचे अर्दलियों को कोई सुरक्षा नहीं दी गई। ऐसे में उनकी जान का खतरा बना रहा। मंडे को कलेक्ट्रेट कैंपस में इसको लेकर जोरदार चर्चा रही। भावुक अफसरों के कर्मचारियों यहां तक कह दिया कि अर्दली भी इंसान होते हैं।

31 अभियुक्तों को अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया है। कुछ अन्य लोगों को भी अरेस्ट किया गया है। संजय निषाद और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की होगी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के अफसर कैंप कर रहे हैं।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण