- हिस्ट्रीशीटर अरेस्ट, दो अन्य बदमाशों की तलाश

- बांसगांव कस्बे का चर्चित पूर्व प्रधान हत्याकांड

GORAKHPUR: बांसगांव कस्बे के धुसुना निवासी पूर्व प्रधान सुभाष की हत्या मुकदमे में गवाही न करने की वजह से हुई थी। शुक्रवार को एसपी क्राइम ओपी सिंह ने वारदात का खुलासा करते हुए यह जानकारी दी। बताया कि हत्या के मामले में आरोपी, हिस्ट्रीशीटर अरुण सिंह को अरेस्ट कर लिया गया है। उसके दो अन्य सहयोगियों की पुलिस तलाश कर रही है।

तीन गोली मारकर ली जान

बांसगांव के धुसुना निवासी पूर्व प्रधान सुभाष सिंह सांवर बाग में ताड़ी का ठेका चलाते थे। 14 मई की सुबह उनकी डेड बॉडी झोपड़ी के बाहर तख्त पर मिली। सिर और चेहरे में तीन गोली मारकर बदमाशों ने गोली मार दी थी। पब्लिक की सूचना पर पुलिस पहुंची तो सुभाष सिंह के मौसेरे भाई अरुण सिंह की बाइक बरामद हुई। शुरुआती जांच में लोगों ने अरुण सिंह पर शक जताया, लेकिन बाद में ताड़ी का काम करने वाले बिहार के मजदूरों पर पुलिस को संदेह हुआ। पुलिस की एक टीम बिहार तक जांच पड़ताल के लिए गई।

मुकदमे की वजह से था नाराज

इस दौरान कुछ ऐसे तथ्य मिले जिनसे पुलिस को अरुण सिंह पर शक हुआ। बांसगांव थाना के हिस्ट्रीशीटर अरुण सिंह की तलाश में पुलिस ने जाल बिछा दिया। शुक्रवार को गोगहरा पुल के पास एसओ बृजेश यादव की टीम ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल असलहा भी बरामद हुआ। पूछताछ में अरुण सिंह ने पुलिस को बताया कि पूर्व प्रधान की हत्या में उसके साथी अजय सिंह और झिल्लू सिंह भी शामिल थे। तीनों ने प्रधान को एक-एक गोली मारी थी। अरुण सिंह ने बताया कि उसके भाई की हत्या के मुकदमे में सुभाष सिंह गवाह थे। लेकिन बाद में उन्होंने गवाही नहीं जिससे अभियुक्त जेल से छूट गए।

रोजाना का उठना-बैठना

हिस्ट्रीशीटर अरुण सिंह और उसके दोनों साथी अजय सिंह ओर झिल्लू सिंह रोजाना पूर्व प्रधान के साथ उठते-बैठते थे। पूर्व प्रधान के ताड़ी वाले ठेके पर खाना-पीना और मौजमस्ती करना उनकी आदतों में शुमार था। इस बीच पूर्व प्रधान सुभाष सिंह को इस बात का कभी अहसास नहीं हुआ कि उनकी परछाई बने लोग एक दिन जान ले लेंगे। मुकदमे में पूर्व प्रधान के धोखा देने से अरुण सिंह मन ही मन कुढ़ता रहा। मौका पाकर उसने अपने साथियों को साजिश में मिला लिया। अरुण सिंह ने बताया कि सुभाष से अजय सिंह का 33 हजार रुपए के लेनदेन का विवाद चल रहा था। इसलिए वह मर्डर में शामिल हो गया। दो साथियों की मदद में झिल्लू ने भी सुभाष सिंह को एक गोली मार दी। अरुण सिंह के दो भाइयों की हत्या हो चुकी है।

मुकदमे में गवाही न करने से अरुण सिंह नाराज था। इसलिए उसने सुभाष सिंह की हत्या कर दी। इस वारदात में उसके दो साथी भी शामिल रहे।

ओपी सिंह, एसपी क्राइम