गोरखपुर (ब्यूरो)।हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज देने की कई संगठनों ने तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें, वार्ड आरक्षण में नगर निगम की कई सीटें चक्रानुक्रम में बदल गई थी। इसकी वजह से कई पार्षद भी दोबारा चुनाव लडऩे से वंचित हो गए थे। मंगलवार को हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया तो उन्हें काफी राहत मिली है। नगर निगम में ओबीसी के लिए लिए 24 वार्डों में चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। इसी तरह 4 नगर पंचायतों में दावेदारों की फेहरिस्त बढऩे से घमासान देखने को मिलेगा।
कई पार्षद हो गए थे मैदान से बाहर
नगर निगम के वार्ड आरक्षण में सीटों के बदलाव से चुनावी समीकरण काफी बदल गए थे। कई दिग्गज पार्षद मैदान से बाहर हो गए तो कुछ पर एक किस्मत फिर मेहरबान रही। हालांकि, आरक्षण में अनारक्षित से महिला सीट होने वाले वार्डों के पार्षद कुछ निश्चिंत थे। इसी तरह ओबीसी वाले सीटों में भी रहा, लेकिन जिनकी सीट अनुसूचित हो गई उनकी दावेदारी पूरी तरह से खत्म हो गई थी।
नगर निगम में बढ़े हैं 1.62 लाख मतदाता
निकाय चुनाव के लिए प्रकाशित हुए मतदाता सूची में इस बार जिले में तीन लाख 61 हजार 708 मतदाता बढ़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा एक लाख 62 हजार 885 मतदाता नगर निगम में बढ़े हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में नगर निगम में आठ लाख 65 हजार 302 मतदाता थे। इस बार मतदाताओं की संख्या 10 लाख 28 हजार 187 हो गई है।
80 वार्डों में अभी इस तरह का है आरक्षण
80 वार्डों में पांच वार्ड अनुसूचित जाति, तीन अनुसूचित जाति महिला, 14 पिछड़ा वर्ग, सात पिछड़ा वर्ग महिला, 34 अनारक्षित और 17 वार्ड सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। फिलहाल बोर्ड में 25 महिला पार्षद हैं। बता दें कि इस बार 32 गांवों को नगर निगम में शामिल कर 10 नए वार्ड बनाए गए हैं। नए वार्डों में रानीडीहा, खोराबार, बडग़ो, संझाई, मोहनपुर, गुलरिहा, हरसेवकपुर, भरवलिया, देवी प्रसाद नगर हैं।
सोशल मीडिया पर तेज हुआ प्रचार-प्रसार
हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद से एक बार फिर सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार तेज हो गया। अधिकतर दावेदारों का मानना है कि अब हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद अब जल्द ही चुनाव होंगे। ऐसे में वह अब फिर अपने को योग्य बताते हुए अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। इसमें कुछ वर्तमान पार्षद भी शामिल है।
इन वार्डों में अब सब लड़ सकेंगे चुनाव
वार्ड, नाम, आरक्षण
1- महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर 1- पिछड़ा वर्ग
4- मदन मोहन मालवीय नगर- पिछड़ा वर्ग
5- बाबा गंभीरनाथ नगर - पिछड़ा वर्ग महिला
7- महादेव झारखंडी दो- पिछड़ा वर्ग
10- माधवनगर- पिछड़ा वर्ग
14- डा। राजेंद्र प्रसाद नगर- पिछड़ा वर्ग
21- मोहनपुर- पिछड़ा वर्ग
23- शहीद शिव सिंह छेत्री नगर- पिछड़ा वर्ग
24- मत्स्येंद्र नगर- पिछड़ा वर्ग महिला
29- पं। रामप्रसाद बिस्मिल नगर- पिछड़ा वर्ग महिला
33- नरसिंहपुर- पिछड़ा वर्ग महिला
37- भरवलिया- पिछड़ा वर्ग महिला
48- धर्मशाला बाजार- पिछड़ा वर्ग
51- देवी प्रसाद नगर- पिछड़ा वर्ग महिला
55- बंधू सिंह नगर- पिछड़ा वर्ग
56- रघुपति सहाय फिराक नगर- पिछड़ा वर्ग
58- सूरजकुंड धाम नगर- पिछड़ा वर्ग
63- जगरनाथपुर- पिछड़ा वर्ग
66- नेताजी सुभाष नगर- पिछड़ा वर्ग महिला
68- महर्षि दधीचि नगर- पिछड़ा वर्ग
74- संत झूलेलाल नगर- पिछड़ा वर्ग
नए बने वार्डों में आरक्षण
मोहनपुर- पिछड़ा वर्ग
भरवलिया- पिछड़ा वर्ग महिला
देवी प्रसाद नगर- पिछड़ा वर्ग महिला
नगर पंचायत अध्यक्ष का वार्ड आरक्षण
यहां अब सबके लिए सीट
बड़हलगंज पिछड़ा महिला
बांसगांव पिछड़ा
सहजनवां पिछड़ा
घघसरा पिछड़ी महिला
सरकार ने जब नोटिफिकेशन जारी किया था, तब उसके खिलाफ याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी। कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था, इसके बाद अपना निर्णय सुनाया है। इसमें समय से चुनाव कराने, ओबीसी आरक्षण को रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था का भी आदेश दिया है।
नीरज शाही, वरिष्ठ अधिवक्ता
हाईकोर्ट ने कहा है कि ओबीसी का रिजर्वेशन संविधान के अनुरूप नहीं है। हाईकोर्ट ने आरक्षण को रद्द भी कर दिया है। कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट के फिल्टर के बाद ही ओबीसी आरक्षण लागू करने करने का आदेश दिया है। फिलहाल अभी ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है।
- डॉ। शैलेश सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, लॉ डिपार्टमेंट, गोरखपुर यूनिवर्सिटी