गोरखपुर (ब्यूरो)। भुगतान न होने से उनके एसएलए रखरखाव से जुड़ी लागत, वारंटी सपोर्ट पेआउट, नेटवर्क बैंडविड्थ शुल्क, जनशक्ति मासिक वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। कंपनी का लगभग 50 लाख का जीएसटी बकाया हो चुका है। कंपनी द्वारा नगर निगम को एक वर्ष में 11 पत्र भेजे गए हैं, लेकिन कोई प्रतिउत्तर न मिलने कंपनी ने नगर निगम गोरखपुर को 23 जून तक भुगतान करने को कहा है, यदि भुगतान नहीं होता है तो सर्विस बंद करने की चेतावनी दी है।

नगर निगम को मिली थी जिम्मेदारी

नगर निगम में आईटीएमएस का कंट्रोल रूम बनाया गया है। शहर के चिह्नित चौराहे की आईटीएमएस से निगरानी के लिए वहां उपकरण लगवाने की जिम्मेदारी नगर निगम को मिली थी। साथ ही उपकरण का रख-रखाव भी नगर निगम को करना है। केवल मॉनिटरिंग के लिए जो टीम लगाई है, उसमे ट्रैफिक पुलिस के जवान भी शामिल हैं। अनदेखी की वजह से करोड़ों रुपए लगाकर शुरू हुई यह व्यवस्था धीर-धीरे दम तोड़ रही है।

शहर के 21 चौराहे

नौसड़, ट्रांसपोर्ट नगर, रुस्तमपुर, देवरिया बाइपास मोड़ तिराहा, पैडलेगंज, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, यूनिवर्सिटी चौराहा, गोलघर चौराहा, कचहरी चौराहा, शास्त्री चौक, बेतियाहाता चौक, आंबेडकर चौक, छात्रसंघ चौराहा, यातायात चौराहा, पादरी बाजार चौक, असुरन चौराहा, बरगदवां चौराहा, अग्रसेन चौराहा और खंजाची चौराहा को आईटीएमएस से लैस किया जाना है, लेकिन अधिकारी शहर के 13 चौराहों को ही अब तक आईटीएमएस से जोड़ा पाए हैं। बाकी 8 चौराहे भगवान भरोसे हैं। वहीं, वर्तमान समय में हालत ये है कि 13 चौराहों में भी 5 जगहों पर उपकरण खराब हैं, जिससे ट्रैफिक कंट्रोल करना पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहा है। इस समय केवल 8 चौराहों की मॉनिटरिंग आईटीएमएस से हो रही है।

नियम तोडऩे पर चालान

नियम चालान

वाइट लाइन के बाहर गाड़ी खड़ी करने पर - 500 रुपए

रेड लाइट जंप करने पर - पहली बार 500, दूसरी बार 1500, तीसरी बार 2500 रुपए

तीन सवारी - 1000

बिना हेलमेट - 1000

सीट बेल्ट - 1000

जेब्रा लाइन क्रॉस- 500

लेफ्ट लेन में गाड़ी रोकने पर- 500

एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर - 10,000

यलो लाइट पर चौक पार करने पर- 500

2023 में एक जनवरी से 25 मई तक आईटीएमएस से हुए चालान

हेडवार चालान

हेलमेट 68,980

सीट बेल्ट 2,192

मोबाइल फोन का उपयोग 679

नो पार्किंग 24,446

रेड लाइट जंप 5,645

तीन सवारी 10,607

स्टंट करना 04

मदिरा सेवन 08

ओवरस्पीङ्क्षडग 390

आईटीएमएस बंद नहीं हो रहा है। कुछ पेमेंट पेडिंग है। उसके भुगतान के लिए शासन को लिखा गया है। बहुत जल्द कंपनी का पेमेंट हो जाएगा।

गौरव सिंह सोंगरवाल, नगर आयुक्त