- तैयारियां जोरों पर, इमामबाड़ा प्रशासन भी पूरी तरह से तैयारियों में जुटा
- 10 दिनों तक जुलूसों का चलेगा दौर, कारीगरों ने भी बनाना शुरु की ताजिया
GORAKHPUR: चांद निकलने के साथ ही इस्लामी साल मोहर्रम की शुरुआत हो गई। मोहल्लों में जुलूसों का दौर शुरु हो जाएगा। इमाम हसन और इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मातमी जुलूस का दौर भी शुरु हो गया। मोहर्रम के लिए मोहल्ले की कमेटियां भी एक्टिव हो गई हैं, वहीं इमामबाड़ा एडमिनिस्ट्रेशन ने भी लगने वाले मेले की पूरी तैयारियां कर ली हैं। मियां साहब का रवायती जुलूस जोकि 5वीं और 10वीं मोहर्रम को निकलता है, उसकी भी तैयारियां फाइनल स्टेज में हैं।
बनाना शुरु हुई ताजिया
मोहर्रम में मन्नत के लिए बनने वाली ताजियों को बनाने का सिलसिला भी शुरु हो गया है। कारीगर इसके लिए जी जान से जुटे हुए हैं। मोहर्रम की दसवीं तारीख को यह ताजिया, घासीकटरा स्थित कर्बला में दफन की जाती हैं। आठवीं और नवीं मोहर्रम को मुहल्लों में स्थित चौकों पर यह ताजिया रखी जाती हैं, जो 10वीं के रवायती जुलूस के साथ गश्त करती हैं और कर्बला में पहुंचकर वहीं इकट्ठा कर दफन कर दी जाती हैं।
रवायती जुलूस निकला
हल्लौर एसोसिएशन की ओर से चांद की 29 को निकलने वाले रवायती जुलूस निकाला गया। आपसी भाईचारे को कायम रखने और प्रशासन के सहयोग के लिए दोपहर में ही निकाला गया। मीडिया प्रभारी मुनव्वर अब्बास रिजवी ने बताया कि पूरब फाटक से मरहूम हैदर रजा के आवास से निकला यह जुलूस कोतवाली रोड होते हुए नखास, रेती, इमामबाड़ा आगा साहिबान पर जाकर खत्म हुआ। यह जुलूस मरहूम हैदर के बेटे असद रजा की देख रेख निकाला गया।