- नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के लखनऊ और वाराणसी डिवीजन के सांसदों की रेलवे से ऑर्गेनाइज हुई अहम मीटिंग

- 53 में से महज 10 सांसद ही हुए शामिल, वहीं 8 सांसदों ने भेजे अपने रिप्रजेंटेटिव

- मीटिंग के दौरान सांसदों ने दिए कई अहम सुझाव

GORAKHPUR : जनता को सुनहरे ख्वाब दिखाकर चुनाव जीतने वाले सांसदों को शायद पब्लिक की कोई खास फिक्र नहीं है। तभी तो एनई रेलवे के लखनऊ और वाराणसी डिवीजन के सांसदों की मीटिंग में करीब तीन दर्जन सांसद गैरहाजिर रहे। मीटिंग में दोनों डिवीजन के 53 सांसदों को बुलाया गया था, लेकिन इसमें सिर्फ 10 सांसद ही शामिल हुए, जबकि 8 सांसदों ने अपने रिप्रेजेंटेटिव भेजे। इस तरह टोटल 18 सांसद और उनके प्रतिनिधियों ने इस प्रोग्राम में शिरकत की। जबकि 35 सांसद प्रोग्राम में शामिल नहीं हुए।

बड़ी अहम थी मीटिंग

पैसेंजर्स एमिनिटी को लेकर यह मीटिंग काफी अहम थी। इसमें मौजूद सांसदों ने अपने-अपने एरियाज की प्रॉब्लम से रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन को रूबरू कराया। इस मीटिंग का सबसे बड़ा फायदा यह रहा कि इसमें उन्हें छोटी-मोटी प्रॉब्लम जो जीएम लेवल पर सॉल्व हो सकती हैं, उनके जल्द दूर हो जाने का आश्वासन भी मिल गया। वहीं जो बड़ी प्रॉब्लम या डिमांड थी उनके लिए बोर्ड को अवगत कराने की बात हुई। वहीं ट्रैक डबलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, गेज कनवर्जन के साथ ही ह्यूमन एमिनिटीज से जुड़ी प्रॉब्लम और डिमांड रखने का भी मौका मिला।

जीएम ने गिनाई उपलब्धियां

एनई रेलवे के लखनऊ और वाराणसी डिविजन के अधिकारियों और सांसदों के साथ होटल शिवॉय में ऑर्गेनाइज हुई। इस दौरान सभी गेस्ट का वेलकम करते हुए जीएम राजीव मिश्र ने कहा कि बैठक के माध्यम से हम जन अपेक्षाओं को जानकर अपनी सर्विस को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। पैसेंजर्स प्रधान रेलवे होने की वजह से समय पालन, सेफ्टी, फैसिलिटी, स्टेशन कैंपस और ट्रेंस की साफ-सफाई और पैसेंजर्स सिक्योरिटी के साथ ही कंफर्ट जर्नी कराना हमारा पहला टारगेट है। इस दौरान उन्होंने पिछले एक साल में एनईआर की उपब्धियां सांसद सदस्यों से शेयर कीं। इस मौके पर सांसदों के साथ एनई रेलवे पीएचओडी, लखनऊ और वाराणसी डिविजन के सीनियर रेल ऑफिसर्स और एंप्लाइज मौजूद रहे।

यह सांसद हुए शामिल

महंत योगी अदित्यनाथ, गोरखपुर

कमलेश पासवान, बांसगांव

नीलम सोनकर, लालगंज

ओमप्रकाश यादव, सीवान

सावित्री बाई फुले, बहराइच

हरीश द्विवेदी, बस्ती

अजय मिश्र, खेरी

सालिम अंसारी, राज्य सभा

कनकलता सिंह, राज्य सभा

पीएल पुनिया, राज्य सभा

इन्होंने भेजे रिप्रेजेंटेटिव

1. जगदम्बिका पाल, डुमरियागंज

2. कलराज मिश्र, देवरिया

3. वीरेन्द्र सिंह, भदोही

4. पंकज चैधरी, महराजगंज

5. शरद त्रिपाठी, संतकबीर नगर

6. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, चंदौली

7. भरत सिंह, बलिया

8. हरिनारायण राजभर, घोसी

इन एरियाज के सांसद नहीं हुए शामिल

लखनऊ, बाराबंकी, कैसरगंज, गोंडा, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, लखीमपुर, सीतापुर, फैजाबाद, कुशीनगर, सलेमपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, सीवान, गोपालगंज, कौशांबी, वाराणसी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, धौरहा, मिश्रिख, चंदौली, फूलपुर, जौनपुर समेत कई लोकसभा और राज्यसभा सांसद गायब रहे।

ट्रेंस में पंक्चुअल्टी, संरक्षा, सुरक्षा, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही ट्रेंस में पैसेंजर्स को ओवरलोड और टिकट के बाद भी कंफर्म बर्थ न मिलना काफी चिंता का विषय है। कालाबाजारी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। गोरखधाम एक्सप्रेस में पैंट्रीकार की व्यवस्था और खानपान में में सुधार किया जाये। छपरा-बाराबंकी के डबलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद राजधानी व शताब्दी जैसी ट्रेंस एनई रेलवे से ही चलाई जाए। इलेक्ट्रिक इंजन की मरम्मत के लिए लोको इलेक्ट्रिक शेड भी गोरखपुर में बनाया जाए।

योगी आदित्यनाथ, सांसद, गोरखपुर सदर

दोहरीघाट-सहजनवां के बीच रेल लाइन बिछाई जाए। ट्रेंस और स्टेशन पर साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाए। क्षेत्रीय जनता की मांग को देखते हुये बरहज वाली ट्रेन को दोबारा चलाई जाए।

कमलेश पासवान, सांसद, बांसगांव

बस्ती में सप्तक्रांति और बिहारसंपर्क क्रांति का ठहराव होना चाहिए। ट्रेंनों और स्टेशन पर साफ-सफाई हो। इलाहाबाद के लिए नई ट्रेन चले।

हरीश द्विवेदी, सांसद, बस्ती

वाराणसी-लालगंज-आजमगढ़- मुबारकपुर-गोरखपुर के बीच सर्वे कराकर रेलवे लाइन बनाई जाए। लखनऊ से आजमगढ़ और आजमगढ़ से इलाहाबाद के लिए इंटरसिटी चलायी जाए। आजमगढ़ में प्लेटफॉर्म नंबर 3 का विस्तार किया जाए।

नीलम सोनकर, सांसद, लालगंज

बहराइच जंगल से प्रभावित एरिया है, रेल के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। गोंडा-बहराइच रेल खंड को जल्द से जल्द गेज कनवर्जन कराया जाए, जिससे यहां के नागरिकों को देश की राजधानी दिल्ली और राज्य की राजधानी लखनऊ जाने में असुविधा न हो। नेपालगंज रोड को भी बड़ी लाइन से जोड़ा जाए ताकि नेपाल से आने वाले पैसेंजर्स को सुविधा हो सके। स्टेशनों पर साफ-सफाई और यूटीएस, पीआरएस की संख्या बढ़ाई जाए।

साध्वी सावित्री बाई फुले, बहराइच

छपरा-सीवान-वाराणसी के बीच इंटरसिटी चलाने की डिमांड की। वहीं जीरादेई स्टेषन पर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद का स्टैच्यू लगाने के साथ ही पैसेंजर्स की सुख-सुविधाएं बढ़ाने की डिमांड की। उन्होंने लार से छपरा को मिलाने तथा मैरवा में 15107/15108 के ठहराव प्रदान करने का सुझाव दिया।

ओमप्रकाश यादव, सांसद, सीवान

रेलवे के तिकुनिया, पलिया एवं मैलानी स्टेशनों पर खाली पड़ी जमीन का सदुपयोग होना चाहिए। सेन्चुरी को तिकुनिया तक चलाया जाए तथा सीतापुर से दिल्ली के लिये शताब्दी ट्रेन चले। साथ ही गोला गोकर्णनाथ में लगने वाले मेले के दौरान गाडि़यों का ठहराव हो।

अजय मिश्र, सांसद, खेरी

मऊ स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर शेड लगाया जाए। वहां सेकेंड एंट्री भी बने। मऊ-आनन्द विहार ट्रेन को डेली चलाया जाए।

सालिम अंसारी, राज्य सभा सांसद

कृषक एक्सप्रेस के देवरिया पहुंचने में बहुत देर हो जाती है। देवरिया में विकलांगों के लिये व्हील चेयर की व्यवस्था करने का सुझाव है। देवरिया में स्थित मालगोदाम को देवरिया से बाहर शिफ्ट किया जाए। देवरिया को कुशीनगर से जोड़ने और वेटिंग रूम को और डेवलप किया जाए।

कनकलता सिंह, राज्य सभा सांसद

बाराबंकी रेलवे स्टेशन को आइडियल स्टेशन के तौर पर डेवलप किया जाए। जनता की मांग पर बुढ़वल-विंदौरा के बीच दलसराय को हाल्ट स्टेशन बनाया जाय। लम्बी दूरी की गाडि़यों में पैंट्रीकार की व्यवस्था की जाय। वेटिंग लिस्ट को देखते हुये अलग गाड़ी चलायी जाए। उन्होंने कहा कि ट्रेंस को आउटर पर न रोका जाए।

पीएल पुनिया, राज्यसभा सांसद