गोरखपुर (सुनील त्रिगुणायत)।बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की जांच में ऐसे 100 से अधिक पेशेंट मिले हैं, जिनके एक एमएल ब्लड में 10 हजार से अधिक वायरस हैं। इस पर विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए ऐसे पेशेंट्स की कैंसर जांच का फैसला लिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमरेश सिंह ने बताया कि लैब में 400 मरीजों की जांच की गई है। इनमें लगभग 330 मरीज ऐसे मिले हैं, जिनमें हेपेटाइटिस-बी के लक्षण हैं। जबकि लगभग 30 पेशेंट्स में हेपेटाइटिस-सी के लक्षण मिले हैं। चिंता की बात यह है कि 100 से अधिक पेशेंट ऐसे हैं, जिनके एक एमएल ब्लड में हेपेटाइटिस-बी वायरस का लोड 10 हजार से अधिक मिला है। इन पेशेंट्स को कैंसर का खतरा अधिक है। ऐसे पेशेंट्स की कैंसर जांच का फैसला लिया गया है। इन पेशेंट्स में कैंसर के शुरुआती लक्षण भी प्रतीत हो रहे हैं। इसलिए हेपेटाइटिस पेशेंट्स को यह सलाह दी जा रही है कि अगर वायरस का लोड अधिक मिल रहा है, तो कैंसर की जांच तत्काल कराएं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वह बड़ी बीमारी को दावत दे रहे हैं।
हेपेटाइटिस-बी के लक्षण
गाढ़ी यूरिन
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
थकान, बुखार, भूख में कमी
कमजोरी, पेट में दर्द
आंखों और त्वचा के सफेद हिस्से का पीला पडऩा लक्षण हैं।
ऐसे 100 पेशेंट्स की लिस्ट तैयार की गई है, जिनकी फाइब्रोस्कैन जांच कराई जाएगी। इस जांच के बाद सीटी स्कैन और एमआरआई जांच होगी। इन जांचों से पता किया जाएगा कि शरीर के किस हिस्से में गांठ बन रही है। अगर पेशेंट्स के शरीर में गांठें बन रहीं होंगी तो कैंसर जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा। वायरस का लोड अधिक होने पर हेपेटाइटिस-बी के पेशेंट्स को कैंसर हो जाता है।
डॉ। अमरेश सिंह, एचओडी माइक्रोबायोलॉजी विभाग बीआरडी