-- OTS योजना के तहत बिजली बिल जमा करने पर सरचार्ज में मिलनी थी छूट
- दिसंबर में आई थी यह योजना, रजिस्ट्रेशन कराकर लोगों ने नहीं जमा किया बिल
GORAKHPUR: गोरखपुर मंडल के 552 किसानों के 14 लाख रुपए डूब गए। यह उनकी अपनी लापरवाही के कारण हुआ। किसानों ने नलकूप का बिल जमा करने के लिए ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) में अपना रजिस्ट्रेशन तो करा लिया, लेकिन जब पैसे जमा होने का समय आया तो जमा ही नहीं किए। इस कारण प्रत्येक किसान के 2500 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क को बिजली विभाग ने जब्त कर लिया।
दिसंबर में आई थी योजना
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन दिसंबर में पूरे प्रदेश में निजी नलकूप संचालकों के लिए ओटीएस योजना लेकर आया था। इस योजना में यह था कि जिन नलकूप संचालकों का अधिक बकाया है, वह अपने बकाये के ब्याज में 100 प्रतिशत छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उनको 2500 रुपए देकर ओटीएस में पंजीकरण कराना होगा। पहले यह योजना केवल एक माह के लिए थी, लेकिन बाद में इसको 27 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया। इस योजना में गोरखपुर जोन से कुल 1014 नलकूप संचालकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। 27 जनवरी तक जोन के कुल 462 नलकूप संचालकों ने बिजली विभाग को कुल 39 लाख रुपए जमा कर दिया, लेकिन 552 किसानों को बैंक से समय से पैसा न मिलने के कारण जमा नहीं कर पाए, जिसके कारण 138000 रुपए डूब गया क्योंकि ओटीएस योजना के तहत किसानों से यह स्वीकृत ली गई थी कि रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अगर वह बिल जमा करते हैं तो उसमें रजिस्ट्रेशन फीस जुटेगा, अगर बिल जमा नहीं करते हैं तो किसानों द्वारा जमा रजिस्ट्रेशन फीस जब्त कर ली जाएगी।
पंजीकरण धनराशि जब्त कर मालामाल
ओटीएस योजना में किसानों को 2500 रुपये जमा करके पंजीकरण होना था। जिसमें 1014 किसानों ने कुल 25.35 लाख रुपए जमा किए। वहीं अगर ऐसे जोड़ें तो 452 किसानों ने ओटीएस योजना का लाभ लेते हुए विभाग को 39 लाख रुपए जमा भी किए। इस तरह बिजली विभाग को कुल 64.35 लाख रुपए मिले। इस तरह देखें तो विभाग को 552 किसानों ने 14 लाख रुपए नि:शुल्क जमा कर दिया, जिसका कोई लाभ किसानों को नहीं मिलने वाला है। अब इन किसान जब बिल जमा करने जाएंगे तो उनको पूरा पैसा जमा करना पड़ेगा।
नंबर गेम
- 27 जनवरी तक जमा कर देना था बिल
- 1014 नलकूप संचालकों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
- 462 नलकूप संचालकों ने जमा किए 39 लाख
- 552 किसान नहीं जमा कर सके बिल
- 138000 रुपए इन किसानों के डूब गए
---------
वर्जन
किसानों का पैसा उनकी लापरवाही के चलते ही डूबा है इसलिए इस पर कुछ नहीं किया जा सकता। हालांकि उनकी प्रॉब्लम को देखते हुए इस मामले में कुछ रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है।
- एके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन