- यूनिनॉर का नेटवर्क हुआ गोल, वहीं बीएसएनएल का नेटवर्क भी हुआ फेल
- सभी मोबाइल कंपनीज ने की मोटी कमाई, यूजर्स को चूना
- ब्लैक आउट डेज की वजह से 31 दिसंबर और 1 जनवरी को सभी स्पेशल टैरिफ वाउचर रहे फेल
GORAKHPUR : नए साल के जश्न का मजा मोबाइल कंपनीज के नेटवर्क ने कुछ फीका कर दिया। मोबाइल कंपनीज की तो चांदी रही, लेकिन उनके यूजर्स दिनभर परेशान रहे। फैमिली मेंबर्स, फ्रेंड्स और रिलेटिव्स को न्यू इयर विश करने के इरादे को नेटवर्क की बेरुखी ने कमजोर कर दिया। मोबाइल नेटवर्क की हालत टीवी एंटेना जैसी हो गई। लोग इधर से उधर नेटवर्क तलाशते रहे। बीएसएनएल की इंटरनेट कनेक्टिविटी जहां दिन भर परेशान करती रही, वहीं यूनिनॉर का नेटवर्क ही मार्निग से गोल हो गया। दिन भर विशेज के लिए एसएमएस का दौर तो चला, लेकिन यूजर्स को एसएमएस के रेगुलर चार्ज अदा करने पड़े। इससे एक तरफ जहां मोबाइल कंपनीज की झोली भरती रही, वहीं यूजर्स की जेब खाली होती रहीं। यह सिलसिला फ्क् दिसंबर और क् जनवरी, दोनों दिन जारी रहा।
सिटी से हुए लाखों एसएमएस
नए साल की विशेज पर यूं तो मोबाइल कंपनीज के ब्लैक आउट डे ने ग्रहण लगा रखा था, लेकिन बावजूद इसके सिटी में एसएमएस करने वाले कहीं से पीछे नहीं रहे। कुल मिला कर सिटी से करोड़ों एसएमएस किए गए। बीएसएनएल के फ्रैंचाइजी मैनेजर विवेक श्रीवास्तव की मानें तो सिर्फ बीएसएनएल से सिटी में करीब भ्0 लाख से ज्यादा एसएमएस भेजे गए। वहीं अदर मोबाइल कंपनीज के थ्रू भी खूब मैसेजेज हुए। रेगुलर चार्जेज होने की वजह से यूजर्स के फुल एसएमएस के रेट कटते रहे।
सर्वर ने दिया धोखा
नए साल के पहले दिन ओवरक्राउडिंग की वजह से मोबाइल सर्वर पूरी तरह बिजी रहे। जहां एक एसएमएस भेजने के कई घंटो बाद सेंट और रिसीव हो रहा था, वहीं दूसरी ओर कॉल करने के लिए यूजर्स को नाकों चने चबाने पड़े। यूनिनॉर ने इस बार यूजर्स को खूब रुलाया। नेटवर्क फेल होने की बात तो दूर, न्यू इयर की मार्निग यानि कि क् जनवरी को नेटवर्क आता-जाता रहा। शैलेंद्र की मानें तो बैलेंस होने के बावजूद वह एक भी कॉल नहीं कर सके। वहीं बीएसएनएल में भी यूजर्स को एक कॉल के लिए कई बार नंबर डायल करना पड़ा। कुछ ऐसा ही हाल बाकी मोबाइल कंपनीज का भी रहा।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी रहीं बिजी
नए साल की विशेज में अहम रोल प्ले करने वाली सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी यूजर्स की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। मार्निग से ही नेटवर्क की हालत ऐसी थी कि एक-एक पेज को ओपन होने में यूजर्स को काफी वक्त लग गया। वहीं कई बार ऐसा हुआ कि वेब पेज कैन नॉट बी डिस्प्लेड का मैसेज स्क्रीन पर शो करने लगा। टेक एक्सपर्ट्स सृजन गुप्ता की मानें तो ऐसा सिर्फ ओवरक्राउडिंग की वजह से हुआ है। एक वक्त में एक ही साइट्स पर लोगों की तादाद काफी ज्यादा थी, जिसकी वजह से लोगों को विश करने में घंटों वक्त लग गए।
मार्निग से ही थी ओवरक्राउडिंग की प्रॉब्लम
फेसबुक पर अपने फ्रेंड्स को न्यू इयर की विश देने बैठे रोहित ने बताया कि मार्निग में करीब 9 बजे से ही नेट की स्पीड काफी स्लो थी। उन्हें एक ई-ग्रीटिंग कार्ड डाउनलोड कर अपने फ्रेंड्स को टैग करने में फ् घंट से ज्यादा का वक्त लग गया। हालत यह थी कि सिर्फ ई-कार्ड क् घंटे भ्0 मिनट में डाउनलोड हुआ। इसके बाद अपलोडिंग में भी इसमें काफी वक्त लग गया। इस दौरान सर्वर की हालत काफी खराब थी। बीच-बीच में कई बार पेज नॉट डिस्प्ले का ऑप्शन भी शो करने लग रहा था। वहीं बीएसएनएल और यूनिनॉर का नेटवर्क भी आता-जाता रहा, जिससे वाट्सएप यूजर्स को भी अपने एसएमएस शेयर करने में काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी।