गोरखपुर (ब्यूरो)। न्यूरो सर्जन डॉ। मुकेश शुक्ला ने बताया, अक्सर सिर दर्द, अचानक से चक्कर आना या फिर किसी के व्यवहार से चिड़चिड़ापन आ जाना हम सामान्य सी बात मानते हैं। कभी लगता है कि वर्क प्रेशर या फिर किसी टेंशन से सिरदर्द या व्यवहार में तब्दीली आई है तो कभी लगता है कि भागमभाग की जिंदगी में चक्कर आना तो सामान्य है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये कितना खतरनाक हो सकता है। जी हां, ये सामान्य से दिखने वाले बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों की पहली स्टेज होते हैं और इन सामान्य सी बातों का ब्रेन ट्यूमर भी गहरा संबंध हैं।
समय से कराएं ट्रीटमेंट
डॉ। मुकेश शुक्ला ने बताया, ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक बीमारी है। यह दिमाग के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसलिए इस बीमारी का जल्दी पता लगने से ऑपरेशन के माध्यम से पेशेंट को बचाया जा सकता है। कुछ ट्यूमर काफी धीमी गति से बढ़ते हैं, लेकिन कुछ ट्यूमर कैंसर वाले काफी तेजी से फैलते हैं। जल्द इलाज न करवाने पर ये जानलेवा भी हो सकते हैं। सीटी स्केन एवं एमआरआई द्वारा इसका आसानी से पता चल जाता है।
एंडोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी है सेफ
अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर है, जहां पारंपरिक सर्जरी से नहीं निकाला जा सकता तो आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाता है। इसे एंडोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी कहा जाता है। इसमें एंडोस्कोपी एवं न्यूरो नेविगेशन का प्रयोग किया जाता है। इसके साइड इफेक्ट भी कम हैं।
रेडियोथेरेपी के जरिए ट्रीटमेंट
सर्जरी के अलावा अब ब्रेन ट्यूमर का रेडियोथेरेपी से भी इलाज हो जाता है। इसके अलावा यदि शुरुआती दौर में भी इसका पता चल जाता है तो डॉक्टर दवाओं के जरिए भी पेशेंट को ठीक कर देते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
नॉन कैंसर-ज्यादा ब्रेन इस प्रकार के होते हैं।
कैंसर-इस प्रकार के ट्यूमर हाई ग्रेड होते हैं और खतरनाक होते हैं।
-प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर-मुख्यत: ब्रेन में ही उत्पन्न होते हैँ।
सेकेंड्री ब्रेन ट्यूमर-कभी-कभी शरीर के अन्य हिस्सों में उत्पन्न होने वाले ट्यूमर भी ब्रेन में पहुंच जाते हैं। इन्हें सेकेंड्री ब्रेन ट्यूमर कहते हैं।
लक्षण
सिर दर्द, उल्टी बार-बार होना, आंखों की रोशनी कम होना, बोलने मे दिक्कत होना, चलने में दिक्कत होना, हाथ पैर में कमजोरी होना, मिर्गी आना।
ब्रेन ट्यूमर उत्पन्न करने वाले कारण
ज्यादा लोगों में ब्रेन ट्यूमर का कोई भी कारण पता नहीं चलता है। इसके कई कारण हैं।
एक्सपोजर टू रेडिएशन
-मोबाइल का ज्यादा उपयोग करना भी ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है। मोबाइल टॉवर से निकलने वाली किरणें खतरनाक होती हैं।
- कुछ पारिवारिक और आनुवांशिक बीमारियां भी ब्रेन ट्यूमर से संबंधित होती हैं।
ये लें ट्रीटमेंट
1. ब्रेन ट्यूमर का इलाज ऑपरेशन से किया जाता है, लेकिन कुछ पेशेंट्स में रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी भी दी जाती है।
2. रेडिएशन से बचें, मोबाइल का प्रयोग कम से कम करें, हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाएं, नियमित व्यायाम करें, कोई भी लक्षण महसूस होने पर न्यूरो सर्जन से परामर्श लें।
यदि किसी पेशेंट को शुरुआती दौर में ब्रेन ट्यूमर का पता चल जाता है तो उसे तत्काल न्यूरो सर्जन की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह से दवा, रेडियोथेरेपी व ऑपरेशन करा लेना चाहिए। देर से इलाज कराने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। साथ ही पूरा ट्यूमर निकाल पाना संभव नहीं हो सकता। किसी तरह की लापरवाही न बरतें।
डॉ। मुकेश शुक्ला, न्यूरो सर्जन