गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। जेपी पांडेय और एसडीआरएफ के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल रवींद्र प्रताप शाही के बीच सहमति बन गई है। इसे लेकर गुरुवार को यूनिवर्सिटी परिसर में दोनों ने विस्तार से चर्चा की।

गुरुवार को हुई बातचीत में यह तय हुआ कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम विभिन्न प्राकृतिक आपदा के खतरों का पूर्वानुमान लगाने और चेतावनी जारी करने की तकनीक विकसित करेगी। इसके लिए वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट आफ ङ्क्षथग्स जैसी टेक्निकल का सहारा लेगी। एसडीआरएफ के उपाध्यक्ष के साथ सहयोग की सहमति बनने के बाद वीसी ने इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियङ्क्षरग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। एसके सोनी को आंतरिक विशेषज्ञों की टीम बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी। यूनिवर्सिटी इस कार्य में इंटरेस्टेड स्टूडेंट्स को भी जोड़ेगा, जिससे उन्हें सीखने और कुछ नया करने की प्रेरणा मिलेगी। दोनों संस्थानों में इस बात पर भी सहमति बनी कि इस परियोजना की संकल्पना का प्रस्ताव तैयार कर यूनिवर्सिटी जल्द से जल्द एसडीआरएफ को उपलब्ध कराएगा, जिसपर राज्य सरकार की स्वीकृति भी ली जाएगी। इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रबंध बोर्ड के सदस्य प्रो। रामअचल ङ्क्षसह, अधिष्ठाता प्रो। पीके ङ्क्षसह, प्रो। संजय मिश्र, प्रो। वि_ल गोले, डॉ। अभिजीत मिश्र, अभय ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।

बाढ़ और अतिवृष्टि के पूर्वानुमान से होगी शुरुआत

एसडीआरएफ की मदद के लिए यूनिवर्सिटी सबसे पहले बाढ़ और अतिवृष्टि के पूर्वानुमान के लिए नई तकनीक विकसित करेगा, क्योंकि यह पूर्वांचल की प्रमुख प्राकृतिक आपदाएं हैं। विशेषज्ञ टीम को यह जिम्मेदारी भी सौंपी गई कि वह ऐसी तकनीक विकसित करे, जिससे आम आदमी को स्मार्ट फोन पर ही आने वाली प्राकृतिक आपदा की जानकारी मिल जाए।