गोरखपुर (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी शुरू हो जाने के बाद शोध, स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप व क्लीनिकल सहयोग की भी जरूरत होगी। ये कार्य सुचारु रूप से चल सकें, इसमें कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए यूनिवर्सिटी ने एम्स, एमएमएमयूटी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के साथ एग्रीमेंट करने का निर्णय लिया है। एमएमएमयूटी से डिजिटलाइजेशन, एम्स से शोध और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से क्लीनिकल, इंटर्नशिप व शोध में सहयोग लिया जाएगा।

प्रदेश में हैं 94 आयुष महाविद्यालय

प्रदेश में 94 आयुष महाविद्यालय हैं, जो 12 विभिन्न यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। अब आयुष यूनिवर्सिटी ने उन सभी 12 यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि उन महाविद्यालयों को अब आयुष यूनिवर्सिटी ही संबद्ध करेगा। इसी सत्र से छात्रों का पंजीकरण, पेपर बनाने व परीक्षा कराने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। यूनिवर्सिटी को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए शहर के तीन उत्कृष्ट संस्थाओं से करार करने का निर्णय लिया है। मसौदा तैयार हो चुका है। शीघ्र ही इस पर सभी संस्थाओं के प्रमुखों के हस्ताक्षर हो जाएंगे। एमएमएमयूटी विश्वविद्यालय का सॉफ्टवेयर बनवाने में तकनीकी मदद करेगा। साथ ही विभिन्न रोगों पर एम्स व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के साथ शोध किया जाएगा। बच्चों की इंटर्नशिप बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कराई जाएगी। क्लीनिकल सहयोग भी वहीं से लिया जाएगा।

रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी ने किया ज्वाइन

आयुष यूनिवर्सिटी को अब रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी भी मिल गए हैं। रजिस्ट्रार के रूप में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त आरबी सिंह व वित्त अधिकारी के रूप में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वित्त अधिकारी अशोक सिंह ने ज्वाइन कर लिया है।

एग्रीमेंट का मसौदा तैयार हो चुका है। तीनों संस्थाओं ने अपनी सहमति दे दी है। शीघ्र ही करार हो जाएगा। एम्स, एमएमएमयूटी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सहयोग से यूनिवर्सिटी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

- डॉ। अवधेश कुमार सिंह, कुलपति, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी