- स्टाइपेंड के लिए परेशान एमटेक स्टूडेंट्स ने एमएमएमयूटी के दोनों गेट बंद कर दिया धरना
GORAKHPUR : स्टाइपेंड केलिए परेशान एमटेक स्टूडेंट्स ने ट्यूज्डे को मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के दोनों गेट बंद कर धरना दिया। सुबह साढ़े क्0 बजे शुरू हुए प्रदर्शन के चलते दोपहर करीब दो बजे तक यूनिवर्सिटी कैंपस में गहमागहमी बनी रही। जानकारी पाकर रजिस्ट्रार डॉ। केपी सिंह मौके पर पहुंचे और स्टूडेंट्स को कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर कहीं स्टूडेंटस हटे।
एआईसीटीई से नहीं मिला अप्रूवल
ट्यूज्डे मॉर्निग करीब क्0.फ्0 बजे एमटेक स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के दोनों गेट के पास इकट्ठा हुए। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले स्टूडेंट्स ने गेट बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्टूडेंट्स पोस्टर लेकर आए थे जिसपर कई स्लोगन लिखे हुए थे। गेट बंद होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इस बीच सूचना मिलने पर फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे रजिस्ट्रार डॉ। केपी सिंह ने स्टूडेंट्स से धरना खत्म करने को कहा, लेकिन वे अड़े रहे। रजिस्ट्रार के समझाने पर वे बातचीत को तैयार हुए। आधा घंटा चली बातचीत में रजिस्ट्रार ने स्टूडेंट्स को ये समझाने की कोशिश की कि यूनिवर्सिटी की ओर से उनके स्टाइपेंड के लिए एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन वहां से अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इस पर विद्यार्थियों की ओर से अब तक इस संबंध में हुई लिखा-पढ़ी का ब्यौरा मांगा गया तो यूनिवर्सिटी की ओर से इस प्रकरण पर अंतिम पत्राचार फरवरी का मिला। रजिस्ट्रार ने प्रकरण में गंभीरता से कार्रवाई का आश्वासन दिया। कहा कि विद्यार्थियों केएक प्रतिनिधिमंडल को इस बाबत होने वाली हर कार्रवाई की जानकारी भी दी जाएगी।
क्ख्,ब्00 हो गई है स्टाइपेंड
एमएमएमयूटी के एमटेक विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें हर माह स्टाइपेंड देने का प्रावधान है। स्टाइपेंड की राशि दिसंबर से पहले आठ हजार रुपये प्रतिमाह थी जो अब बढकर क्ख्ब्00 हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी भी विद्यार्थी को इसका भुगतान नहीं किया गया है। इस दौरान सिकंदर, विवेकानंद, वैभव श्रीवास्तव, स्वेता सिंह, मिताली गुप्ता, अदिति सिंह, शालिनी त्रिपाठी, प्रीति सिंह, अजय, अमित पांडेय, सौरभ आदि मौजूद रहे।
एआईसीटीई से एमटेक स्टूडेंट को मिलने वाली फेलोशिप नहीं मिलने से उनमें नाराजगी है। यूनिवर्सिटी स्तर पर इस बारे में लगातार प्रयास किया जा रहा है। कुलपति स्वयं इसके लिए पैरवी में लगे हैं। विद्यार्थियों को फेलोशिप जल्द मिले, इसके लिए पूरी गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।
डॉ। केपी सिंह, रजिस्ट्रार एमएमएमयूटी