- गगहा में पुलिस ज्यादती का मामला

- एमएलसी ने डीआईजी को सौंपी सीडी

GORAKHPUR: गगहा एरिया के बासूडीहा और सिसायल में हुए संघर्ष का तूल पकड़ रहा है। मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप से पुलिस की प्रॉब्लम बढ़ सकती है। पुलिस की ज्यादती का वीडियो अफसरों तक पहुंचा है। विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने आईजी को वीडियो देकर जांच की मांग की है। उधर सांसद कमलेश पासवान ने मामले को लोकसभा में उठाने की बात की है।

संडे को हुआ था दो गुटों में संघर्ष

गगहा एरिया के बासुडीहा और सिसायल की पब्लिक आमने-सामने हो गई। अरहर के खेत में गाय घुसने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद थोड़ी देर में जातीय संघर्ष में बदल गया। मारपीट, तोड़फोड़, आगजनी और फायरिंग के बीच दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए क्भ् लोगों को हिरासत में ले लिया। मंडे को सांसद कमलेश पासवान और एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह भी पहुंचे। हिरासत में लिए गए लोगों का हालचाल पूछने के दौरान सीओ ने बदसलूकी की। आरोप है कि सीओ बांसगांव ने कमलेश पासवान को देख लेने की धमकी दी।

वीडियो लेकर डीआईजी से मिले एमएलसी

जनप्रतिनिधियों ने एक पक्षीय कार्रवाई और पुलिस ज्यादती का आरोप लगाया। पुलिसवालों से नोंकझोंक के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। संडे नाइट गांव में पहुंची पुलिस ने अपना तरीका अपनाया। आरोप है कि बांसगांव, गगहा, गोला और बेलीपार थाने की पुलिस फोर्स ने लोगों को पीटा। महिलाओं और बच्चों से बदसलूकी की। एसएसपी सहित अन्य अफसर तमाशा देखते रहे। किसी ने पुलिस पिटाई का वीडियो मोबाइल से बना लिया था। ट्यूज्डे को एमएलसी ने वीडियो की सीडी आईजी को दिया। मांग उठाई कि दोषी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित किया जाए। इस दौरान पीडि़त फैमिली के लोग भी मौजूद रहे।

पुलिस ने जो किया है। उसकी निंदा जितनी की जाए कम है। दोषी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। एडीजी कानून व्यवस्था को मैंने पूरी जानकारी दे दी है। प्रमुख सचिव से बात करके सीएम को मामले से अवगत कराने को कहा है।

देवेंद्र प्रताप सिंह, सदस्य विधान परिषद