- एक साल पहले नगर निगम बोर्ड ने शहर के अंदर डेयरियों को हटाने प्रस्ताव
- बोर्ड की इस योजना का पालन न होने से अभी भी शहर में घूम रहे हैं आवारा जानवर
- जनवरी और फरवरी माह में आवारा जानवरों के हमले से एक व्यक्ति की मौत और चार हो चुके हैं घायल
GORAKHPUR: शहर में एक साल पहले आवारा जानवरों पर लगाम लगाने की योजना अधर में लटक गई है। एक साल पहले नगर निगम सीमा के अंदर चलने वाली डेयरी को बाहर लेकर जाना था, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण यह पहल अभी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। स्थिति यह है कि अभी तक इस योजना क्रियान्वयन न होने के कारण शहर में छुट्टा पशुओं का आतंक कायम है। हर सप्ताह शहर के किसी न किसी एरिया में आवारा जानवर लोग को हमला करके घायल कर रहे हैं।
मोहद्दीपुर पुलिस चौकी
मोहद्दीपुर में दिन हो या रात हर समय आवारा जानवरों की भीड़ लगी रहती है। मोहद्दीपुर से पैडलेगंज वाले रास्ते पर 27 जनवरी की शाम 7 बजे एक बाइक से गाय टकरा गई, जिसके कारण उस पर सवार महिला गिरकर घायल हो गई। कई बार तो यह रोड के बीच में खड़े होकर पूरे रास्ते को जाम कर देते हैं।
पैडलेगंज ओवर ब्रिज
मोहद्दीपुर से ओवरब्रिज पर चढ़ते समय पीपल के पेड़ के नीचे पूरे साल एक या दो आवारा जानवर आराम करते मिल ही जाएंगे। जिसके कारण कई बार यहा जाम और एक्सीडेंट की स्थिति पैदा हो जाती है। कई बार ओवरटेक करने के चक्कर में लोग इन जानवरों के सामने आ जाते हैं।
आरटीओ रोड
आरटीओ रोड शहर की सबसे चौड़ी सड़कों में से एक है, लेकिन इस रोड पर लगने वाले जाम का कारण भी आवारा जानवर हैं। सुबह 11 बजे के करीब डेली इस रोड से एक दर्जन पालतू भैंसों का झुंड जाता है, जिसके कारण दो घंटे तक यह रोड जाम रहता है, यही हाल रहता है शाम को 3 बजे हो जाता है। इसके अलावा पूरे दिन यहां सांड और पालतू गाय घूमते मिल जाएंगे।
इंदिरा बाल विहार
शहर का सबसे पॉश एरिया है। जो भी शहर घूमने आता है वह अपनी शाम इंदिरा बाल बिहार पर ही बिताना चाहता है, लेकिन शहर के इतने सुंदर जगह को भी नगर निगम साफ रखने में असमर्थ है। यहां भी पूरे दिन आवारा जानवर घूमते रहते हैं और दिन यहां आई गाडि़यों को टक्कर मारकर तोड़ते रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम से कंप्लेन की जाती है तो यहां के आवारा जानवरों को पकड़ने वाली टीम यहां नहीं आती है।
यूनिवर्सिटी रोड
शहर के सबसे व्यस्त सड़कों में से एक रोड यह भी है। यहां दिन और रात एक बराबर ट्रैफिक रहता है, लेकिन इस रोड पर भी आवारा जानवर घूमते मिल ही जाते हैं। गर्मी के दिन में यहां की पेड़ों की छाया में कई बार जानवर आराम करने के लिए बीच रोड पर बैठ जाते है, हालांकि सड़क का एरिया चौड़ा होने के कारण जाम तो नहीं लगता है, लेकिन लोगों की स्पीड जरूर कम हो जाती है।
क्या थी नोटिस?
नगर निगम ने फरवरी 2015 शहर सीमा के अंदर जितने भी डेयरी हैं, उनकी गिनती कराई गई। इसके बाद नगर आयुक्त ने उन डेयरी मालिकों को नोटिस देकर कहा था कि उनके जानवरों के कारण शहर में काफी दिक्कतें होती हैं। जानवर सड़क पर घूम रहे हैं, जिसके कारण हर रोड पर जाम लग रहा है, अक्सर दुर्घटना भी इन जानवरों के कारण होती है। वहीं डेयरी से निकलने वाले कूड़े-कचरे के कारण नालियां जाम हो जाती है और रोड पर गंदगी दिखती है।
शहर में आवारा जानवर
नगर निगम वास्तविक संख्या
आवारा जानवर - 1829 5000
गधे 36 200 से अधिक
डेयरी 277 300
पालतु जानवर 1768 4000