गोरखपुर (ब्यूरो)। दो बार बोर्ड एग्जाम कराए जाने के निर्णय को गोरखपुर के स्कूलों ने भी बेहतर कदम बताया है। प्रिंसिपल और डायरेक्टर का कहना है कि अब दुर्घटना या किसी अन्य कारणों से स्टूडेंट का एग्जाम नहीं छूटेगा।

भारतीय भाषा को मिलेगा बढ़ावा

प्रिंसिपल, डायरेक्टर का कहना है कि साइंस साइड वाले स्टूडेंट भाषा ज्ञान में काफी पीछे हो जा रहे थे। एनईपी के अनुसार अब 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट को दो भाषाओं की पढ़ाई करनी होगी। इसमें से कोई एक भारतीय भाषा, जिसमें क्षेत्रीय भाषा का भी चयन स्टूडेंट कर सकते हैं। यही नहीं क्लास 9 और 10 के स्टूडेंट को तीन भाषा की पढ़ाई करनी होगी। जिसमें दो भाषाएं भारतीय मूल की होनी चाहिए। इससे भारतीय भाषा को भी बढ़ावा मिलेगा।

मेंटल प्रेशर हो जाएगा कम

प्रिंसिपल, डायरेक्टर ने बताया कि बोर्ड एग्जाम का प्रेशर स्टूडेंट पर बहुत अधिक होता है। दो बार बोर्ड एग्जाम होने पर यह प्रेशर कम हो जाएगा। स्टूडेंट टेंशन फ्री होकर पढ़ाई और तैयारी कर सकेंगे। उनकी पढ़ाई का भी बोझ कम होगा।

तैयार नहीं सब्जेक्ट तो बाद में दे सकेंगे एग्जाम

इस नियम से स्टूडेंट को एक और फायदा मिलेगा कि वह जिस सब्जेक्ट की तैयारी नहीं होगी या फिर एग्जाम छूट जाएगा। तब वह उसका एग्जाम दोबारा दे सकेंगे। दोनों ही बोर्ड एग्जाम में जिसमे सब्जेक्ट का अच्छा नंबर होगा, वह उनके रिपोर्ट कार्ड में जुड़ जाएगा।

एक माह के अंतराल में होंगे एग्जाम

स्कूलों के डायरेक्टर ने बताया कि पहला बोर्ड एग्जाम फरवरी, मार्च में होगा। पहले एग्जाम के एक माह के अंतराल में दूसरा बोर्ड एग्जाम ऑर्गनाइज कराया जाएगा। स्कूलों ने यह उम्मीद जाहिर की है। स्कूलों का मानना है कि जनवरी तक कोर्स कंपलीट हो जाता है। इसके बाद ही एग्जाम होगा।

स्टूडेंट पारिवारिक दुर्घटना या स्वास्थ्य खराब होने के कारण एग्जाम नहीं दे पाते थे। दो बार बोर्ड एग्जाम की प्रथा लागू होने पर उनका एग्जाम नहीं छूटेगा। उनके पास अवसर रहेगा।

अजय शाही, डायरेक्टर, आरपीएम एकेडमी

एनईपी 2020 नए समय की चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। स्टूडेंट का कोर्स कम कर उनका बोझ भी हल्का किया जाएगा। यह अच्छा निर्णय है।

राजू जायसवाल, डायरेक्टर, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल

स्टूडेंट अब जो सब्जेक्ट उनका नहीं तैयार रहेगा। उसका एग्जाम बाद में भी दे सकेंगे। साल 2024-25 से स्टूडेंट का प्रेशर काफी कम होने वाला है। स्मार्ट एजुकेशन पर फोकस किया जा रहा है।

ई। संजीव कुमार, डायरेक्टर, एकेडिमक ग्लोबल स्कूल