-अपनों का हाल जानने के लिए व्याकुल हैं कूड़ाघाट स्थित मिनी नेपाल के लोग

-संपर्क न होने से सता रही अनहोनी की आशंका

GORAKHPUR: देवी गुरूंग पिछले 7ख् घंटे से काफी परेशान हैं। उन्हें न नींद आ रही और न ही भूख प्यास लग रही। उन्हें तो चिंता है तो बस नेपाल में रह रहे अपने रिश्तेदारों की। उनकी स्थिति जानने के लिए लगातार फोन कर रही हैं लेकिन रिश्तेदारों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कमोबेश यही दर्द है सिटी के कूड़ाघाट स्थित मिनी नेपाल में रहने वालों का। नेपाल में आए जलजले का गोरखपुर सिटी में काफी असर पड़ा है। वहां लगातार आ रहे भूकंप के झटके ने गोरखपुराइट्स को भी पूरी तरह हिला कर रख दिया है। सिटी में रह रहे नेपाली मूल के लोग नेपाल में रह रहे अपनों का हाल जानने के लिए काफी परेशान हैं। टीवी सेट से इनकी नजरें नहीं हट रही है। मंडे को आई नेक्स्ट टीम जब इनके बीच पहुंची तो इनका दर्द छलक उठा।

सिटी में है मिनी नेपाल

सिटी के कूड़ाघाट एरिया को मिनी नेपाल कहा जाता है। फ्भ्-ब्0 साल पहले नेपाली मूल का एक समुदाय रोजी रोटी की तलाश में गोरखपुर आया और यहीं बस गया। तब से ये लोग यहीं गुजर बसर कर रहे हैं। आज भी इनके रिश्तेदार नेपाल के विभिन्न एरियाज में रह रहे हैं। सैटर्डे को नेपाल में आए जलजले के बाद से ये लोग भी अपने अपनों का हाल जानने के लिए व्याकुल हैं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इनकी हालत यह है कि वे आंखों में आंसू लिए सिर्फ एक दूसरे को संत्वना दे रहे हैं।

काठमांडू में मेरे भाई-बहन रहते हैं। भूकंप आने से पहले फोन पर उनसे बात हुई थी। उसके बाद से लगातार फोन लगा रही हूं। घंटी जा रही है लेकिन फोन उठ नहीं रहा है। लगातार टेंशन बनी हुई है।

देवी गुरूंग

मेरी चाची और उनकी बेटी बुटवल में रहती हैं। भूकंप आने से पहले उनसे फोन पर बात हुई थी, लेकिन उसके बाद से बात नहीं हो सकी। रात की नींद उड़ चुकी है। वहां का मंजर देखकर टेंशन बढ़ती ही जा रही है।

अन्नू

मेरे सारे रिश्तेदार काठमांडू में रहते हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार उनसे संपर्क कैसे करें। फोन पर लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं हो पा रही है। टीवी पर वहां का मंजर देखकर टेंशन बढ़ती ही जा रही है।

दिल माया राणा

रिश्तेदारों की फ्रिक सता रही है। केवल कहने के लिए हम यहां है। हमारा सारा ध्यान नेपाल की ओर ही लगा है। हालात ठीक हो तब तो वहां जाएं। ऐसी कंडीशन में वहां जाना भी ठीक नहीं है।

मोहन मिश्रा

नेपाली मूल के करीब क्00-क्भ्0 परिवार गोरखपुर के कूड़ाघाट में रहते हैं। इन सभी के रिश्तेदार नेपाल के विभिन्न शहरों में रहते हैं। नेपाल में आए भूकंप के बाद ये लोग भी खौफजदा हैं और अपने रिश्तेदारों का हाल जानने के लिए परेशान हैं।

मोहन लाल गुप्ता, अध्यक्ष, भारत-नेपाल मैत्री समाज

भेजी गई राहत सामग्री

भारत-नेपाल मैत्री समाज ने मंडे दोपहर रेलवे स्टेशन रोड पर मीटिंग ऑर्गेनाइज की। जिसमें नेपाल में आए जलजले में मृत लोगों की आत्मा के शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। इस दौरान भूकंप पीडि़त नागरिकों की सहायता के लिए बिस्कुट, ड्राइफ्रूट, बोतल बंद पानी, जरूरी दवाएं आदि भेजी गई। भारत-नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष मोहन लाल गुप्त ने बताया कि नेपाल में आए इस भीषण तबाही में भारत सरकार की तरफ से नेपाल को सहायता करना सराहनीय कार्य है। इस मौके पर डॉ। अशोक, अनिल कुमार गुप्त, मदन अग्रहरी, विशाल गुप्त, देवानंद कन्नौजिया, ओमप्रकाश महतो व बनवारी लाल आदि मौजूद रहे।