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GORAKHPUR: लोकतंत्र का महापर्व आम चुनाव एक बार फिर देश में होने वाला है। चुनाव को लेकर लोगों की सोच की बात करें तो पांच साल बीतने के साथ ही उसमें भी काफी बदलाव आया है। जहां पहले के चुनाव में युवाओं की भागीदारी कम हुआ करती थी। वहीं अब शिक्षित होने के साथ ही युवा वर्ग बड़ी तेजी के साथ अपने वोट की कीमत को पहचानने लगा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रेडियो सिटी 91.9 के साथ मिलकर राजनी-टी का प्लेटफॉर्म तैयार किया जिसपर शहर के ये मिलेनियल्स बेबाकी से अपनी बात रख रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सिटी के पॉश इलाके हरिओमनगर के पैरामाउंट कोचिंग सेंटर पर चर्चा का दौर चला। जिसमे ब्वॉयज और गर्ल स्टूडेंट्स ने बेरोजगारी, हेल्थ, किसान, नारी सुरक्षा, कानून और फिजूल खर्ची पर बेबाकी से अपनी बात रखी। इसके साथ ही चर्चा के माध्यम से इन युवाओं ने ये भी चेतावनी दी कि जो रोजगार देगा उसका ही चुनाव में बेड़ापार करेंगे। मतलब इस चुनाव में युवा अपना वोट जाति और क्षेत्र न देखकर बल्कि काम करने वाले लीडर को ही देंगे।
इकॉनमी के हिसाब से रिजर्वेशन
चर्चा का दौर शुरू हुआ तो सबसे पहले आरजे प्रतीक ने स्टूडेंट्स को मिलेनियल्स का मतलब समझाया। इसके बाद गौरव ने अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जो भी हो उनको रिजर्वेशन इकॉनमी के हिसाब से ही देना चाहिए। ये नहीं कि जो सक्षम है उसके बाद भी उसे रिजर्वेशन दिए जा रहे हैं। वहीं एक तरफ कोई गरीब है तो उसे जाति के चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा हो ये गलत है। इन बातों के साथ ही गौरव ने महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ की घटनाओं पर भी दुख जाहिर किया। उन्होंने इस बारे में कहा कि ऐसा कड़ा कानून बनाया जाए कि इस तरह की हरकत करने से पहले अराजकतत्वों की रूह कांप जाए। वहीं उन्होंने किसानों के लिए भी एक बात कही कि जो हमारा पेट भरता है वो भूखा न सोए। किसानों के लिए भी सरकार को सोचना चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा पर दें ध्यान
चर्चा के दौरान पूजा ने कहा कि सब कुछ हो रहा है लेकिन आज भी महिलाएं घर से अकेले निकलने में घबराती हैं। रात में तो निकल ही नहीं सकती हैं। जबकि महिलाओं की भी इच्छाएं होती हैं वो भी कुछ करें लेकिन उनकी बातों को दबा दिया जाता है। इसके साथ ही जहां पर सुरक्षा कम होती है वहां पर लोग आज भी डर के कारण अपना पीछा छुड़ाने के लिए लड़कियों की कम उम्र में ही शादी कर दे रहे हैं जो कि बहुत ही दुखद है। ऐसे में महिलाओं के सम्मान के साथ ही उनका हक दिलाने जो भी सरकार आगे आएगी हम वोट उसी को देंगे।
दूर हो सामाजिक प्रदूषण
स्मृति ने कहा कि ऐसी सरकार चाहती हैं जो सामाजिक प्रदूषण को दूर करे। इसके दूर होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इसके साथ ही उन्होंने चर्चा में मौजूद सभी भाईयों से कहा कि उन्हें गर्ल्स की इज्जत करनी चाहिए। साथ ही गर्ल्स के प्रति अपनी जो सोच है वो सकारात्मक रखनी चाहिए। क्योंकि बचपन में नैतिक शिक्षा का पाठ तो पढ़ाया जाता है लेकिन बड़े होते ही हम उसे भूल जाते हैं। स्मृति ने अपना वोट उसी को देने की बात कही जो देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने की पहल करेगा।
नहीं चाहिए हमें आरक्षण
चर्चा के दौरान राजेश ने भी अपनी उन बातों को शेयर किया जिसे वो सरकार से काफी दिनों से कहना चाहते थे। आज मौका मिला तो राजेश ने बड़ी ही बेबाकी से अपनी बात को रखते हुए कहा कि हमें 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं चाहिए। हो सके तो सरकार जितनी भी वेकेंसी निकालती है उसे समय से पूरा करके बेरोजगारों को रोजगार दे। क्योंकि देखा जाता है कि कोई भी वेकेंसी निकलने के बाद उसको पूरा करने में कानूनी दांव-पेंच के साथ ही इतना समय लग जाता है जिससे युवाओं की उम्र तो निकलती ही है साथ ही उनके पास और कोई ऑप्शन नहीं रह जाता है। इसलिए जो भी सरकार श्योरिटी के साथ जॉब देगी उसे ही हम अपना वोट देंगे।
प्राइवेट हॉस्पिटल के कम हों चार्ज
इसी क्रम में रवि ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल का चार्ज बहुत ज्यादा हो चुका है जिसपर किसी का नियंत्रण नहीं है। डॉक्टर्स मनमानी कर महंगी दवाएं लिखते हैं जो सिर्फ उन्हीं के दवाखाने पर मिलती हैं। सरकार को इनके मनमाने रेट पर अंकुश लगाना चाहिए।
सबको करें शिक्षित
चर्चा में आशू सिंह ने बड़ी ही अच्छी बात रखी कि देश में अराजकता का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा भी है। उनका कहना था कि शिक्षित लोग कुछ भी करने से पहले सोचते हैं जबकि अशिक्षित लोग कुछ भी करते हुए देशहित क्या किसी के हित के बारे में जरा भी नहीं सोचते जिससे देश में अराजकता फैलती है। इसलिए जो भी लीडर शिक्षा की अलख जगाएगा उसे ही हम अपना वोट देंगे।
पर्चा हो जाता है लीक
अभय, हरीलाल सहित कई युवाओं ने एक ही बात को प्रमुखता से रखा कि कोई भी परीक्षा हो उसको सरकार ईमानदारी से कराए। दूर-दूर सेंटर पड़ने की वजह से परिक्षार्थी इधर-उधर से पैसे उधार मांगकर जैसे- तैसे वहां पहुंचता है। सेंटर पर पता चलता है कि पेपर लीक हो गया जिसकी वजह से परीक्षा रद्द की जा रही है। ये बहुत ही गलत है। इसके बाद कई परीक्षार्थी सरकारी वेकेंसीज में इंट्रेस्ट लेना ही छोड़ देते हैं। वे प्राइवेट सेक्टर की ओर रुख करने लगते हैं। इसके साथ ही परीक्षा केंद्र भी दूर न करके नजदीक करना चाहिए। इसलिए जो भी सरकार ईमानदारी से परीक्षा कराएगी और रोजगार देगी उसे ही हम अपना वोट देंगे।
मेरी बात
सरकार बहुत कुछ कर रही है। लेकिन गोरखपुर के विभागों में बैठे जिम्मेदार काफी सुस्त हैं। जिसकी वजह से आज भी शहर के कई इलाके के लोग गंदगी और नाली की समस्या से परेशान हैं। शहर के हर इलाके को सुंदर और स्वच्छ रखने की जो बात करेगा हमारा वोट उसी को जाएगा।
- गुंजा यादव
कड़क मुद्दा
सरकार ने कई वेकेंसीज तो जरूर निकाली लेकिन अभी तक किसी को नौकरी नहीं मिल सकी है। सभी वैकेंसी कहीं न कहीं रुकी पड़ी हैं। जिसकी वजह से बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ये सरकार से मेरा प्रश्न रहेगा कि आखिर कब तक बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।
देश में जब तक सामाजिक प्रदूषण खत्म नहीं किया जाएगा तब तक देश से भ्रष्टाचार और अराजकता को समाप्त नहीं किया जा सकता है। सरकार को इसके लिए कदम उठाना चाहिए।
- स्मृति वर्मा
सुरक्षा की कमी के कारण आज भी लोग लड़कियों से पीछा छुड़ाने के लिए उनकी कम उम्र में शादी कर देते हैं। सरकार को चाहिए कि सुरक्षा के साथ ही लड़कियों के अधिकार की भी रक्षा करे।
- पूजा
कितना बुरा लगता है कि आज भी हम दहेज प्रथा को समाप्त नहीं कर पाए हैं। सरकार को इसके लिए कानून बनाकर ठोस कदम उठाने चाहिए।
- अर्चना सिंह
लड़कियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं। कानून तो तमाम बने लेकिन जिम्मेदार लापरवाह हैं। जिसकी वजह से सड़कों से लगाए हर जगहों पर लड़कियों के साथ बदसलूकी की जा रही है।
- संजना यादव
सिटी के प्राइेवट हॉस्पिटल के चार्ज आसमान छू रहे हैं। वहीं यहां के डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं वो केवल इनके क्लीनिक पर ही मिलती हैं। सरकार को इनकी मनमानी को रोकने की पहल करनी चाहिए।
- रवि जायसवाल
ट्रेनों में भीड़ और पैसे की कमी से परीक्षार्थी परेशान होता है। सरकार को चाहिए कि किसी भी परीक्षा का सेंटर बहुत दूर ना भेजे। इससे परीक्षार्थी की परेशानी कम होगी।
- शिवम प्रजापति
कई शहरों के नाम बदले जा रहे हैं। इसमे फिजूल खर्ची हो रही है। सरकार इस पैसे को कहीं अच्छी जगह पर लगाए जिससे देश का विकास हो सके।
- नूर आलम
देश के विकास में सबसे बड़ी बाधक अशिक्षा है। इसलिए सरकार हो सबसे पहले शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा। फीस कम रखकर अच्छी शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी जिससे हर वर्ग शिक्षित हो सके।
- अभय धर दूबे
हमारा पेट भरने वाला किसान ही भूखा सो रहा है। सरकार को किसान हित का ध्यान रखते हुए काम करना चाहिए। जिससे किसान को खेती करने में दिक्कत न आए।
- गौरव