- सेंट एंड्रयूज कॉलेज के इंग्लिश डिपार्टमेंट में ऑर्गेनाइज हुआ आरडी सिंह मेमोरियल लेक्चर
- टैलेंटेज स्टूडेंट्स को प्राइज देकर किया गया सम्मानित
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : 'मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की' यह कहावत देश की नदियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्लीन गंगा एक्शन प्लान, यमुना एक्शन प्लान, गोदावरी और न जाने कितनी नदियों की सफाई के लिए प्रदेश और केंद्र सरकारों ने प्लानिंग की, लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे इस सिस्टम की वजह से आज भी नदियां करीब 33 परसेंट प्रदूषित हैं। नदियों और झीलों में मौजूद .3 परसेंट पानी मौजूद है। इसके साथ ही महज .6 परसेंट पानी ही यूज के लायक है। यह बातें कीनोट स्पीकर के तौर पर मौजूद एमएमएमयूटी के प्रोफेसर डॉ। गोविंद पांडेय ने कहीं। वह सेंट एंड्रयूज कॉलेज में रसायन परिषद की ओर से ऑर्गेनाइज लेट आरडी सिंह मेमोरियल लेक्चर में स्पेशल गेस्ट के तौर पर मौजूद थे। प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट एनआईटी, जालंधर के डॉ। एसबीएस मिश्रा मौजूद थे।
आमी पॉल्युटेड वॉटर का लाइव एग्जामपल
अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए डॉ। गोविंद पांडेय ने कहा कि अंडरग्राउंड वॉटर के पॉल्युटेड होने का सबसे बड़ा रीजन बैक्टेरिया, फंगस और टॉक्सिसिटी है। गंगा नदी में अपने पानी को पुर्नजीवन देने की क्षमता सबसे ज्यादा है, उसका पानी भी आज काफी पॉल्युटेड हो चुका है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर के पास से बहने वाली आमी का पानी पॉल्युटेड वॉटर का लाइव एग्जामपल है। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से इस प्रॉब्लम के काफी हद तक दूर होने के चांसेज हैं। उन्होंने कहा कि पानी की क्वालिटी परखते रहने की जरूरत है।
सम्मानित हुए होनहार
प्रोग्राम के दौरान डीबेट कॉम्प्टीशन में फर्स्ट प्रशंसा, अर्पिता, सेकेंड फैजल और थर्ड विष्णु को प्राइज देकर सम्मानित किया गया। वहीं जनरल नॉलेज में हिमांशु तिवारी, अंकुर और हिमांशु को पहला, दूसरा और तीसरा प्राइज दिया गया। निबंध में दिव्या को पहली, जबकि गरिमा और आसना को दूसरी-तीसरी पोजीशन हासिल हुई। क्विज में आसना, ईश्वर, दिव्या और आदित्य की टीम ने जीत हासिल की। प्रोग्राम की अध्यक्षता प्रिंसिपल डॉ। जेके लाल ने की। प्रोग्राम का संचालन आस्था और विष्णु ने किया। वोट्स ऑफ थैंक्स डॉ। अखिलेश कुमार ने पेश किया। इस दौरान कॉलेज के टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।