-तैयारियों में ही बीत गया मैडम का पूरा समय

-एक सितंबर से दोबारा शुरू हुआ मीना का प्रोग्राम

GORAKHPUR:

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ट्यूज्डे से 'मीना की दुनिया' से बच्चों को रूबरू करवाया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते इसका आगाज खराब हो गया। एक सितंबर से दूसरी बार शुरू हुई योजना का लाभ स्टूडेंट्स पूरी तरह से नहीं ले सके। कहीं टीचर्स रेडियो प्रसारण की तारीख ही भूल गए तो कहीं पर रेडियो के सिग्नल फेल गए। 15 मिनट का समय प्रोग्राम सिर्फ रेडियो ट्यून करने में खत्म हो गया। मीना रेडियो की हकीकत जानने के लिए आईनेक्स्ट ने चार प्राइमरी स्कूलों का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान दिखी हकीकत का लाइव नजारा

सीन एक:

रेडियो कौन सुनाए, लटक रहा था ताला

स्थान: सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम कॉलोनी

मीना कार्यक्रम की हकीकत जानने के लिए आईनेक्स्ट टीम रेलवे स्टेडियम कॉलोनी पहुंची। स्टेडियम के बगल में स्थित प्राइमरी स्कूल पर ताला लटक रहा था। वहां न तो टीचर न आसपास कोई बच्चा। कुछ दूरी पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि हम लोगों को नहीं पता विद्यालय खुलता है या नहीं। लेकिन सुबह से कोई यहां नहीं आया है।

सीन दो:

टेबल पर रखा रेडियो, सिग्नल लापता

स्थान: प्राइमरी पाठशाला मोहद्दीपुर

छात्रों का रजिस्ट्रेशन: 110

उपस्थित छात्र: 40

प्राइमरी स्कूल की नई बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन चल रहा है। एक कमरे में बैठीं टीचर आशा द्विवेदी अपने काम में बिजी थीं। उनके टेबल पर रेडियो रखा था। रेडियो का एंटीना ऊपर से टूटा हुआ था। आई नेक्स्ट टीम के पहुंचते ही बच्चे जमा हो गए। चारों तरफ से मैडम को घेर लिया। मैडम से पूछा गया कि क्या रेडियो बज रहा है। मैडम रेडियो ट्यून करने लगीं। कुछ खरखराहट होने पर बच्चों की उत्सुकता बढ़ गई। रेडियो मीना का प्रोग्राम कितने बजे से आएगा। मैडम ने कहा कि साढ़े 11 बजे से प्रोग्राम शुरू होगा। जबकि उस समय प्रोग्राम सुनाने का समय हो चुका था।

सीन तीन:

सिग्नल आए तब ना सुनाएं

स्थान: प्राइमरी स्कूल गिरधरगंज, कूड़ाघाट

छात्रों का रजिस्ट्रेशन: 268

उपस्थित छात्र: 185

स्कूल में आईनेक्स्ट टीम पहुंची तो बाहर घूम रहे कुछ बच्चे भागकर स्कूल में पहुंच गए। प्राइमरी स्कूल में प्रधानाचार्य शांति सिंह बरामदे में टेबल पर बैठीं अपना काम निपटा रही थीं। उनके सामने रेडियो बंद पड़ा था, जबकि उस समय रेडियो सुनाने का समय चल रहा था। प्रधानाचार्य से पूछा गया रेडियो सुनाया जा रहा है क्या? मैडम ने कहा नहीं, कैसे सुनाएं, सिग्नल ही नहीं आ रहा है। काफी प्रयास किया गया, लेकिन बज नहीं रहा है।

सीन चार:

अरे, मैं तो भूल ही गया

स्थान: जूनियर हाई स्कूल गिरधरगंज, कूड़ाघाट

छात्रों का रजिस्ट्रेशन: 93

उपस्थित छात्र: 60

नई बिल्डिंग के दो कमरों में छात्र पढ़ रहे थे। पुरानी बिल्डिंग के छात्र इधर-उधर घूमते नजर आए। दोनों में टीचर्स पढ़ा रहे थे। लेकिन वहां कोई रेडियो नहीं मिला। उनसे जब रेडियो के बारे में पूछा गया तो चौंक उठे। प्रधानाध्यापक शफीउद्दीन ने कहा कि अरे मैं तो भूल ही गया। एक मैडम के जिम्मे रेडियो है। लेकिन वह स्कूल नहीं आई। बच्चों से पूछा कि रेडियो सुनाया गया है। कुछ देर सोचने के बाद बच्चों ने कहा हां सुनाया गया है। उनको जब बताया गया कि रेडियो तो आलमारी में बंद है। तो बच्चे सकुचा गए, फिर कहा बहुत पहले सुना था।

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कौन है मीना, क्यों सुनाया जाता है प्रोग्राम

यूनिसेफ ने मीना नाम की एक नौ साल की लड़की का कैरेक्टर दिया। यह सकारात्मक सोच से भरी उमंग और उत्साह से लबरेज है। प्रश्न पूछने पर वह झिझकती नहीं बल्कि सवालों का जवाब देती है। दूसरों के प्रति संवेदनशील, सबकी मदद को तत्पर रहने वाली मीना का छोटा भाई राजू और पालतू तोता मिट्ठू हैं। दीपू, रानो, सुमी, रीना, कृष्णा सहित कई कैरेक्टर मीना के सहपाठी हैं। बहिन जी और रजनी बहन मीना के स्कूल के टीचर हैं। शोभा चाची, पोंगाराम चाचा, नर्स बहिन, डॉक्टर बाबू, सरपंच जी के साथ कई कैरेक्टर गढ़े गए हैं। इसके माध्यम से बालिकाओं की सेहत, च्वच्छता, सामाजिक बुराईयों, लड़कियों के सशक्तिकरण सहित कई विषयों पर जानकारी दी जाती है।

प्राइमरी स्कूलों में 2010 से मीना रेडियो प्रोग्राम चल रहा था। बीच में अभियान बंद होने के बाद एक सितंबर से दोबारा इसे शुरू किया गया। बालिकाओं की एजुकेशन पर जोर, समान अवसर उपलब्ध कराते हुए लिंग भेद मिटाने, मित्रवत व्यवहार करने और बाल मित्र समाज के निर्माण के उद्देश्य को लेकर मीना रेडियो का प्रसारण शुरू किया गया।

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24 सितंबर को मनाएंगे मीना दिवस

छात्राओं को उनके अधिकारों की जानकारी देने, सशक्त बनाने वाली मीना का जन्मदिन 24 सितंबर को मनाया जाएगा। रेडियो पर मीना की दुनिया का प्रसारण 24 सितंबर 2004 से शुरू हुआ था। इसलिए सभी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में मीना दिवस 24 सितंबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर स्कूलों को सजाया जाएगा। स्कूल में वाद-विवाद, भाषण, रंगोली, पेटिंग सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। स्कूल में गठित मीना मंच के मेंबर्स इसके बारे में जानकारी देंगे। उच्न बच्चों का उत्साहव‌र्द्धन भी किया जाएगा जिन्होंने मीना रेडियो सुनकर खुद या पब्लिक के जीवन में कोई बदलाव किया।

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गोरखपुर में 11.15 से 11.30 का समय

मीना प्रोग्राम सुनाने के लिए स्कूलों में रेडियो सेट खरीदे गए। 15 मिनट के प्रोग्राम का प्रसारण का अलग- अलग जिलों में समय निर्धारित किया गया है। फैजाबाद, अंबेडकर नगर, बरेली, पीलीभीत, बदायू जिले में इसके प्रसारण का समय दोपहर 12 बजे से सवा 12 बजे तक है। अन्य जनपदों में 11.15 से लेकर 11.30 तक प्रसारण का समय निर्धारित है। प्रसारण को रजिस्टर में दर्ज करने के लिए अलग से रजिस्टर बनाने को कहा गया है। इसमें दिन, दिनांक, प्रसारण का समय, प्रसारित कहानी, पूछे गए प्रश्न, उनके उत्तर, कार्यक्रम में शामिल होने छात्रों की संख्या दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।

23 दिनों तक होगा प्रसारण

एक सितंबर से मीना की दुनिया का प्रसारण शुरू हुआ है। कार्यक्रम के अनुसार पांच, छह, 13, 17, 20, 25 व 27 सितंबर को छोड़कर अन्य सभी 23 दिनों तक इसका प्रसारण किया जाएगा। एक सितंबर 2015 से पांच फरवरी 2016 तक मीना की दुनिया का प्रसारण तय किया गया है।

रेडियो का पैसा नहीं मिला

मीना का प्रोग्राम सुनाने के लिए रेडियो की खरीद पिछले साल हुई। टीचर्स का कहना है कि उन लोगों ने अपनी जेब से रेडियो खरीद लिया। लेकिन इसके बजट का कोई भुगतान नहीं हुआ। बैट्री खरीदने के लिए कोई पैसा नहीं मिला। अपनी तरफ से इंतजाम करके रेडियो प्रसारण सुनाया जा रहा है।