- लगातार चोरी हो रहीं दवाएं, मेडिकल कॉलेज में मचा हड़कंप
- जांच टीम गठित, मुकदमा दर्ज, फिर भी मामला पड़ा है ठंडा
GORAKHPUR : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सितंबर 2014 में दवा चोरी का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो अब तक जारी है। बीच-बीच में हुई घटनाओं पर सवाल उठते रहे और जांच भी चलती रही, लेकिन कभी दोषी सामने नहीं आया। सेंट्रल ड्रग स्टोर में आग लगी तो लाखों के सर्जिकल सामान जलकर खाक हो गए। अलग-अलग चल रही विभागीय जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। पुलिस भी मुकदमा दर्ज कर शांत बैठ गई है।
टीम बनी, हो गई चोरी
स्टोर में सात लाख दवाओं की चोरी का मामला प्रकाश में आया तो सभी के होश उड़ गए। गुलरिहा थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया लेकिन किसी का पता नहीं चल पाया। सूत्रों की मानें तो चोरी से पहले स्टोर में दवाओं की हेराफेरी का मामला सामने आया था। इस पर तत्कालीन एसआईसी ने डॉक्टरों की जांच टीम गठित की थी। टीम गठित करने के दो दिन बाद स्टोर से सात लाख की दवाइयां चोरी चली गई। इसे गंभीरता से लेते हुए मेडिकल प्रशासन ने गुलरिहा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन आज तक यह नहीं पता चल सका कि चोर कौन है।
एक सितंबर से शुरू हुआ खेल
- एक सितंबर 2014 को मोहद्दीपुर चौराहे पर पुलिस ने एक्सपायर्ड दवाओं से लदी गाड़ी पकड़ी।
- 26 सितंबर 2014 को स्टोर से ढाई लाख रुपए की जांच किट गायब हो गई। तीन दिन बाद किट मिलने की आई सूचना
- सात लाख की दवाएं गायब होने से मचा हड़कंप। चार फार्मासिस्ट समेत छह कर्मचारियों पर हुई थी कार्रवाई।
- गायनी डिपार्टमेंट से बैग में दवा ले जाते रेजिडेंट डॉक्टर पकड़ी गई।
- सर्जिकल स्टोर में हुई आगजनी, लाखों की दवाएं खाक
- दवाएं ले जाते हुए पकड़ा गया था सफाई कर्मचारी।
स्टोर से दवाईयों की चोरी के मामले में जांच टीम ने अब तक क्या किया है, इसकी जानकारी ली जाएगी। उधर सर्जिकल स्टोर में आग कैसे लगी, इसके लिए जांच टीम को रिमांइडर भेज दिया गया है। जल्द ही मामला सामने आ जाएगा।
डॉ। आरपी शर्मा, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज