गोरखपुर (ब्यूरो)।72 बेड के वार्ड में 24 बेड को अलग कर इमरजेंसी संचालित की जा रही है। 14 नंबर वार्ड के फर्श की रविवार को घिसाई की गई। ज्यादातर बेड खोज लिए गए हैं, आठ बेड अभी नहीं मिल रहे हैं। प्रबंधन का कहना है कि धुआं से छत व दीवारें काली पड़ गई है। रंगाई-पोताई के बाद ही इसे दोबारा चालू किया जाएगा। तब तक 11 नंबर में इमरजेंसी चलाई जा रही है।

वार्ड में शिफ्ट हो रहे मरीज

भूमितल पर स्थित वार्ड नंबर 11 में 15 बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। जिन मरीजों में सुधार होता दिख रहा है, उन्हें वार्ड नंबर 12, 5, 9 व 100 में शिफ्ट किया जा रहा है। अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में केवल छह बेड आइसीयू है, जिसमें किसी तरह काम चलाया जा रहा है। वार्ड में वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए गर्मी ज्यादा हो रही है। जूनियर डाक्टर व कर्मचारी तेज गर्मी व उमस के बीच मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वार्ड नंबर 14 प्रथम तल पर था और चारो तरफ खुली खिड़कियां थीं, जिससे वेंटीलेशन की समस्या नहीं थी।

वार्ड नंबर 14 मेडिसिन इमरजेंसी में आग लगने के कारण वार्ड की छतें व दीवारें धुआं से काली हो गई हैं। रंगाई- पोताई में अभी समय लगेगा। वेंटिलेटर मशीनों की सफाई करके चार्ज किया जा रहा है। ज्यादातर बेड मिल गए हैं, आठ बेड ढूंढे जा रहे हैं। जल्द ही पुरानी मेडिसिन इमरजेंसी को चालू कर दिया जाएगा। अभी अस्थाई रूप से वार्ड नंबर 11 को मेडिसिन इमरजेंसी बनाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

- डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी