-ड्रग लाइसेंस नवीनीकरण के विरोध
-जिले की सभी दवा की दुकानों को बंद करने का एलान
GORAKHPUR: दवा विक्रेता समिति ने फार्मासिस्ट की अनिवार्यकता और विभिन्न अनिवार्यता के खिलाफ दवा व्यवसायियों ने मोर्चा खोल दिया है। यह जानकारी शुक्रवार को दवा विक्रेता समिति के निवर्तमान अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने दी। कहा कि नया ड्रग लाइसेंस बनवाने और लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में की गयी कई गुना वृद्धि और फुटकर दवा विक्रेताओं के लिए फार्मासिस्ट की अनिवार्यता को देखते हुए केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के आह्वान पर दवा व्यवसायियों ने 28 फरवरी को प्रदेश व्यापी बंदी का एलान किया है। 29 फरवरी को लखनऊ में धरना-प्रदर्शन भी होगा।
लम्बे समय से चल रहा विरोध
महामंत्री दिलीप सिंह ने बताया कि दवा इस्तेमाल के अपेक्षित निर्देशों के साथ दवा की आपूर्ति की जाती है। ऐसी स्थिति में दवा की फुटकर दुकानों पर फार्मासिस्ट की उपलब्धता का कोई औचित्य नहीं है। फार्मेसी एक्ट लगभग 90 साल पुराना है जिसे अब बदलने की सख्त जरूरत है। फार्मासिस्ट की अनिवार्यता में अगर शिथिलता नहीं दी गयी तो दवा की अधिकांश फुटकर दुकानें बंद हो जाएंगी। ड्रग लाइसेंस शुल्क व नवीनीकरण शुल्क की बढ़ोत्तरी से दवा दुकानदारों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस अवसर पर अकरम लारी, नीरज पाठक, सौरभ चतुर्वेदी, इरफान अली, शरद मयंक, दीपक रामरायका, आनंद गुप्ता, मनोज सिंह, संजय गुप्ता, अशोक सिंह, अवनीश चंद्र श्रीवास्तव, छोटे लाल गुप्ता, संजीव बंका आदि मौजूद रहे।
बंदी को सफल बनाने के लिए संपर्क
दवा विक्रेता समिति बंदी को सफल बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज, असुरन, राप्तीनगर, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, बेतियाहाता, बिछिया, नखास, रेती रोड, सिनेमा रोड, कसया, दाउदपुर, रूस्तमपुर सहित पूरे शहर में समिति के सदस्यों से संपर्क किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले के बड़हलगंज, गोला, उरुवा, कौड़ीराम, बांसगांव, खजनी, सहजनवां, पीपीगंज, पिपराइच, सरदारनगर, चौरीचौरा आदि व्यापारियों को बंद में समर्थन करने की अपील की।