-पांच करोड़ की लागत से बना था लैब व वार्ड
-शासन के फरमान के बाद भी नहीं खुला लैब
GORAKHPUR : सूबे के मुखिया ने संडे को आदेश दिया कि अब प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू की जांच मुफ्त होगी। सीएम ने आदेश दिया है कि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज, आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, अम्बेडकर नगर और सैफई इटावा में कार्य योजना बनाकर स्वाइन फ्लू टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अब सवाल उठता है कि स्वाइन फ्लू की जांच के लिए गोरखपुर का मेडिकल कॉलेज कितना तैयार है। हकीकत जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। वहां जो दिखा और पता चला वह चौंकाने वाला था। मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबॉयलॉजी विभाग है, यहां विभिन्न जांच की डिटेल्स भी चस्पां है। जब रिपोर्टर विभाग के अंदर गया तो वहां स्वाइन फ्लू की जांच वाले कमरे में ताला लटका मिला। यह बताने के लिए काफी था मेडिकल कॉलेज स्वाइन फ्लू से दो दो हाथ करने के लिए कितना तैयार है।
पांच करोड़ गए पानी में!
मेडिकल कॉलेज मे करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से माइक्रोबॉयलोजी विभाग में स्वाइन फ्लू लैब और वार्ड का निर्माण कराया गया था, लेकिन यहां आज तक कोई भी जांच नहींहुई है और न ही कोई मरीज भर्ती किया गया है। रखरखाव के अभाव में लैब की व्यवस्था चरमरा गई है। इसे देख कर यही लगा कि अभी मेडिकल कॉलेज स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से निपटने में सक्षम नहींहै। लैब में रखी मशीनों पर धूल जम गई है। अब तो यह भी देखना होगा कि यह मशीनें काम कर रही है या नहीं। सूत्रों के अनुसार मशीनों से अभी तक एक भी जांच नहींहुई है।
जब मौतों ने उड़ा दी थी नींद
साढ़े छह साल पहले दुनिया में स्वाइन फ्लू ने तबाही मचाई थी। इसमें भारी मात्रा में मौते हुई थी। इससे निपटने के लिए देश और विदेशों में हाई अलर्ट जारी किया गया और तैयारियां की गई थी। उसी समय प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल और सरकारी अस्पतालों को दवाइयां और जांच के लिए आधुनिक मशीनें मुहैया कराई। उसी समय बीआरडी मेडिकल कालेज में लगभग पांच करोड़ रुपए की लागत से स्वाइन फ्लू लैब व वार्ड का निर्माण कराया गया। हाल ही में लखनऊ और गोरखपुर में स्वाइन फ्लू से मौतें हुई थी। वहींस्वाइन फ्लू का एक संभावित मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट जारी किया है। सभी को व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है।
मौत के बाद मचा हड़कंप
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत हो गई। इसकी पुष्टि होने पर कॉलेज में हड़कंप मच गया। वहीं कुशीनगर से आए स्वाइन फ्लू के एक संभावित पेशेंट के आने से डाक्टर और स्टाफ में हडकंप मचा है। इसके बाद प्रशासन ने तत्काल तैयारियां शुरू कर दी। छह दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रेन वार्ड के बगल में तीन बेड वाला स्वाइन फ्लू वार्ड बनाया गया।
पांच दिन में नहीं आई रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज में पांच दिनों से स्वाइन फ्लू का संभावित पेशेंट एडमिट है। पहले ब्लड सैंपल के साथ टीम को पांच दिन पहले पुणे भेजा गया, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहींमिली है। रिपोर्ट में देरी को लेकर नेहरू चिकित्सालय के एसआइसी ने लैब टेक्निशियन को दूसरा सैंपल लेकर लखनऊ भेजा है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्वाइन फ्लू को लेकर कितना संजीदा है।
डॉक्टर व हेल्थ स्टाफ को नहीं लगे हैं टीके
गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन अभी तक अपने किसी भी स्टाफ का वैक्सीनेशन नहींकराया है। आलम यह है कि जिम्मेदार अफसरों का पता ही नहीं है कि इसके टीके भी लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते ही स्टाफ को टीके नहींलग पा रहे हैं। यदि यहां स्वाइन फ्लू के पेशेंट एडमिट किए गए तो इनका इलाज कैसे किया जाएगा? इस सवाल पर डॉक्टर्स और स्टाफ बगले झांकते नजर आए। डिस्ट्रिक हॉस्पिटल के एसआइसी ने टीके के लिए सीएमओ को पत्र लिखकर मांग की है। उधर तीन दिन पहले मेडिकल कॉलेज में हेल्थ स्टाफ को टीका लगाया गया है।
स्वाइन फ्लू लैब और वार्ड पांच करोड़ की लागत से बनाया गया था, लेकिन लैब में आज तक कोई जांच नहींकी गई है। किसी पेशेंट को भी आज तक भर्ती नहींकिया गया है।
डॉ.केपी कुशवाहा, प्रिसिंपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज