- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में टेक्नीशियन न मिलने से अब तक नहीं शुरू हो सकी एमआरआई जांच की सुविधा
- चार महीने पहले लगी है मशीन, लेकिन अब तक नहीं शुरू हो सकी जांच
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आठ करोड़ की लागत से लगाई जाने वाली एमआरआई मशीन फिर से शो पीस बन चुकी है। इसे चालू कराने के लिए जनवरी माह में कवायद तेज की गई। दावे किए गए कि टेक्नीशियनों की नियुक्तियां की जा चुकी है और जल्द ही इसकी सेवा शुरू हो जाएगी। मगर तीन माह बीतने के बाद भी सुविधा अब तक बहाल नहीं हो सकी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कॉलेज प्रशासन को सात हजार में टेक्नीशियन की दरकार है, लेकिन इतने कम पैसे में एंप्लाइज ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से अब तक एमआरआई की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है और मरीजों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीएम ने किया था इनॉगरेशन
एक साल पूर्व मेडिकल कॉलेज में शासन की पहल पर एमआरआई मशीन लगाई गई। जनवरी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इसका उद्घाटन करना था, लेकिन सुविधा शुरू नहीं हो सकी। आलम यह है कि मशीन तो लगा दी गई, लेकिन उसे शुरू करने के लिए टेक्नीशियन नहीं मिल रहे हैं। जिसकी वजह से जांच पूरी तरह से ठप पड़ी है।
बाहर से करानी पड़ रही जांच
मेडिकल कॉलेज में पड़ोसी देश नेपाल, बिहार और जिले के आसपास के हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन संसाधन होने के बावजूद जांच ठप पड़ी है। वहीं जिम्मेदारों की नाकामी के नाते मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जहां मशीन के शुरू होने पर हजार रुपये में जांच हो पाएगी। मगर इसके अभाव में मरीजों को पांच से आठ हजार रुपए खर्च कर बाहर जांच करानी पड़ रही है।
एमआरआई शुरू कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस पर मीटिंग भी हो चुकी है। जल्द ही जांच शुरू करा दी जाएगी।
डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी