-आई नेक्स्ट की पहल, एसआईसी का फरमान
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को अब न तो प्यास परेशान करेगी और न ही उन्हें गंदा पानी ही पीना पड़ेगा। आई नेक्स्ट में पब्लिश हुई खबर के बाद कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की आंखें खुल गई हैं और उन्होंने जर्जर पड़े वॉटर कूलर के साथ ही टूटी हुई टोटियों को बदलने के लिए निर्देश जारी कर दिया है। जल्द ही मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए पानी की व्यवस्था चकाचक हो जाएगी।
एक हफ्ता पहले लिया था जायजा
मार्च की लास्ट में ही भीषण गर्मी का एहसास होने लगा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर में पेयजल का संकट बढ़ने लगा है। इस दशा में एक हफ्ता पहले आई नेक्स्ट ने पेयजल की समस्या पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज का जायजा लिया था। इसमें जो सच सामने आया वह चौंकाने वाला था। पीने के पानी के स्थान को लोगों ने यहां शौचालय बना रखा था। वहीं लगे वॉटर कूलर के स्थान पर गंदगी का अंबार लगा हुआ था और टोटियां टूट कर अलग हो चुकी थीं। इस खबर को तस्वीरों के माध्यम से पब्लिश किया गया। खबर छपते ही मेडिकल कॉलेज में हलचल मच गई। आनन-फानन में एसआईसी ने नए वॉटर कूलर और टूटी हुई टोटियों को बदलने का फरमान जारी कर दिया था। इसी क्रम में रविवार से इस पर तेजी से काम शुरू हो गया है।
ट्रामा सेंटर पर नया वॉटर कूलर
मेडिकल कॉलेज में रविवार से जर्जर वॉटर कूलर और टूटी टोटियों को बदलने का कार्य शुरू कर दिया गया। इसमें ट्रामा सेंटर, पर्ची काउंटर और गार्जियन के समीप जर्जर हो चुकेवॉटर कूलर को बदलकर नए वॉटर कूलर लगाए जाएंगे। ट्रामा सेंटर के पास इसे लगाया जा रहा है। वहीं तीन नए वॉटर कूलर के लिए डिमांड भेज दी गई है, जल्द ही बाकी जगहों पर भी इन्हें लगा दिया जाएगा।
मरीजों को मिलेगा ठंडा पानी
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में लगभग दो हजार मरीज प्रतिदिन इलाज कराने आते हैं। यहां पेयजल की समस्या होने से मरीजों और तीमारदारों को काफी परेशानी होती है। गर्मी के मौसम में तो प्यास से बेहाल लोगों को एक बूंद पानी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ता है। लिहाजा पेयजल की समस्या से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। इससे लगता है कि अब लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
पीने के पानी के स्थान पर नई टोटियां लगाई जा रही हैं। वहीं चार नए वॉटर कूलर मंगाए गए हैं। एक से दो दिन के अंदर मरीजों को ठंडा पानी मिलने लगेगा।
डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी