- तीन बार चोरों को पकड़ने के बाद भी नहीं थमा चोरी का सिलसिला

- अब तक 12 शातिर अरेस्ट, लेकिन सरगना गिरफ्त से बाहर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रेलवे के सामान उड़ाकर चोर लगातार रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। वह लगातार रेलवे के सामान पर हाथ डालकर उन्हें खुला चैलेंज कर रहे हैं, मगर रेलवे की टीम को अब तक कामयाबी हाथ नहीं लग सकी है। बैटरी चोरी करने वालस गैंग पकड़े जाने के बाद भी उसका सरगना अब तक फरार है। थर्सडे को हुई घटना इस बात का जीता जागता एग्जाम्पल है, जहां चोरों ने एक बार फिर से रेलवे के सामान पर हाथ डालने की कोशिश की, इस दौरान चार बदमाश भागने में कामयाब रहे जबकि 1 को आरपीएफ की टीम ने धर दबोचा। इन सारी कार्रवाई के बावजूद लगातार चोरियां होना गंभीर सवाल खड़े करता है।

12 शातिर अंदर लेकिन

ऐसा नहीं कि रेलवे पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है, लेकिन अब तक उन्हें कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। 10 अप्रैल को आरपीएफ की टीम ने बैटरी चोर गिरोह के 8 मेंबर्स को पकड़ा था, उस दौरान भी सरगना भाग निकलने में कामयाब रहा था। वहीं 16 अप्रैल को फिर तीन शातिर रेलवे यार्ड से बैटरी निकालते धरे गए। इसके बाद 7 मई को एक बार फिर 5 चोर रेलवे का सामान चोरी करने के इरादे से आए, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। इसमें से एक धरा गया, जबकि 4 भागने में कामयाब रहे।

एरिया पता, लेकिन कामयाबी नहीं

शातिर किस एरिया से बिलांग करते हैं, यह आरपीएफ की टीम बाखूबी जानती है। उन्होंने जितने भी शातिरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है, उसमें ज्यादातर संतकबीरनगर और बस्ती एरिया के आसपास रहने वाले हैं। 10 अप्रैल को पकड़े गए 8 शातिरों में से 5 संतकबीरनगर के रहने वाले थे, तो वहीं 16 अप्रैल को पकड़े गए शातिरों में दो संतकबीरनगर और एक पुरानी बस्ती का रहने वाला था। सस्पेक्टेड एरिया पता होने के बाद भी अब तक इन शातिरों का सरगना आजाद घूम रहा है।

बैटरी चोरों को पकड़ने का प्रयास चल रहा है, स्पेशल टीम अपने काम में लगी हुई है। जल्द ही सभी चोर गिरफ्त में होंगे।

- अनिरुद्ध चौधरी, असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर, आरपीएफ