- सहजनवां के डुमरी निवासी जवान की जालंधर के गुरुदासपुर में थी तैनाती

GORAKHPUR:

सहजनवां एरिया के डुमरी गांव निवासी शहीद रामकिशुन का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो लोग रो पड़े। गांव सहित आस-पास के दर्जनों गांवों के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके घर की तरफ दौड़ पड़े। जान का पार्थिव शरीर आने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया। सभी की जुबान पर उनके साथ बिताई यादें थीं।

1989 में हुए थे भर्ती

जवान रामकिशुन राज पुत्र रामप्यारे पंजाब के जालंधर में 1989 में बीएसएफ के 164 बटालियन में भर्ती हुए थे। कुछ दिन पूर्व ही उनकी तैनाती गुरुदासपुर के बार्डर पर हुयी थी। 19 दिसम्बर को ड्यूटी के समय अचानक उनकी तबियत बिगड़ने लगी। जिसकी जानकारी होते ही उनके साथी उन्हें पास के एक अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांसें लीं। बुधवार को सुबह जवान का पार्थिव शरीर सेना की गाड़ी से उनके पैतृक गांव पहुंचा।

गार्ड आफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई

बीएसएफ के जवान रामकिशुम राज की अंतिम संस्कार गांव से सटे चौरी स्थित बाग में हुआ। सेना के जवानों ने गार्ड आफ ऑनर के साथ उनको अंतिम विदाई दी। जवान के बड़े पुत्र सोनू ने पिता को मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे पत्‍‌नी इंदु राज, पुत्र सोनू राज, पुत्री दीपिका राज को छोड़ गए।

ये रहे मौजूद

बीएसएफ जवान की अंतिम विदाई में पूर्व विधायक यशपाल रावत, शिवा जी सिंह, सर्वजीत राज, विकास राज, हर्षवर्धन राज, अमरेंद्र मिश्रा, आलोक सहित क्षेत्र के हजारों लोग मौजूद रहे।