-पिछले साल की तुलना में करीब 50 प्रतिशत फीका रहा मार्केट
-किराना व कपड़ा की ब्रिकी कम, रंग-पिचकारी की रही धूम
-गुरुवार होने की वजह से मटन-चिकन की बिक्री पर भी लगा ग्रहण
GORAKHPUR: होली पर आमतौर पर मार्केट में खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन इस बार महंगाई ने व्यापारियों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। व्यापारियों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार 25 प्रतिशत भी खरीदारी नहीं हुई है। इससे व्यापारी काफी निराश हैं। किराना मंडी से लेकर कपड़ा, ड्राइफ्रूट आदि का मार्केट काफी फीका रहा। महंगाई को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है। पूरे मार्केट की बात की जाए तो इस बार होली में सिटी का मार्केट 40 करोड़ का भी नहीं रहा।
ऑनलाइन शॉपिंग भी वजह
होली में इस बार कपड़ों का मार्केट भी काफी फीका रहा। व्यापारियों के मुताबिक कपड़ा मार्केट में 30-40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। व्यापारी इसकी वजह ऑनलाइन शॉपिंग को मानते हैं। उनका मानना है कि घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा से लोग दुकानों पर जाकर कपड़े खरीदना कम पसंद कर रहे हैं। इससे इस बार सिटी के कपड़ा व्यापारियों की कमर टूटती नजर आ रही है।
रेडीमेड ने सूना किया किराना मार्केट
होली के मौके पर किराना मार्केट में कई गुना बिक्री बढ़ जाती थी। लेकिन इस बार किराना से लेकर ड्रायफ्रूट्स तक की बिक्री 50-60 प्रतिशत कम हुई है। इसकी वजह रेडीमेड आइटम्स की ज्यादा बिक्री होना है। मार्केट में गुझिया से लेकर चिप्स, पापड़ आदि लगभग सभी चीजें रेडीमेड मिल जा रही हैं। ऐसे में लोग समय के अभाव में रेडीमेड आइटम्स पर ही ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
नॉनवेज पर भारी पनीर-मशरूम
खाने-पीने की बात करें तो इस बार गुरुवार को होली पड़ने से मटन व चिकन व्यापारियों के हाथ भी सिर्फ निराशा ही लगी है। मटन की दुकान चलाने वाले बबलू कुरैशी के डिमांड अधिक होने से बकरे व मुर्गे के रेट काफी बढ़ जाते थे। लेकिन इस बार गुरुवार की वजह से नॉनवेज पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत भी नहीं बिकेगा। उन्होंने बताया कि इस वजह से इस बार हम लोगों ने स्टॉक भी काफी कम किया है। हालांकि, इस कारण पनीर, मशरूम व सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है। यही वजह है कि इस बार पनीर-मशरूम के रेट भी काफी बढ़ गए हैं। होली के दो दिन पहले से ही सिटी में जहां पनीर 300-350 रुपए किलो बिक रहा है, वहीं मशरूम 40-50 रुपए प्रति पैकेट पर उपलब्ध है। इसके साथ ही सब्जियों में कटहल की डिमांड अधिक होने से इसका रेट भी 60-80 रुपए किलो चल रहा है।
कितनी हुई खरीदारी
सामान 2015 2016
किराना 10 करोड़ 4 करोड़ ड्राइफ्रूट 6 करोड़ 3 करोड़
कपड़ा 15 करोड़ 8 करोड़
रंग 50 लाख 1 करोड़
पिचकारी 3 करोड़ 5 करोड़
चिकन-मटन 20 करोड़ 5 करोड़ पनीर-मशरूम 3 करोड़ 8 करोड़
सब्जी 1.5 करोड़ 4 करोड़
टोटल 60 करोड़ 40 करोड़
पिछले साल की तुलना में इस बार मार्केट काफी फीका रहा। इसे लेकर सभी व्यापारी काफी चिंतित हैं। किराना मार्केट में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसकी वजह महंगाई व रेडीमेड आइटम हैं।
सीताराम जायसवाल, व्यापारी नेता
इस बार किराना से लेकर ड्राइफ्रूट तक सभी चीजों के मार्केट सूने रहे हैं। इससे व्यापारियों का माल काफी डंप हो गया। पिछले साल की तुलना में इस बार ड्राइफ्रूट की सेल में करीब 50 प्रतिशत की बिक्री कम हुई है। इससे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नितिन जायसवाल, व्यापारी नेता
मार्केट व कपड़ों की बिक्री से लग ही नहीं रहा कि होली है। पहले होली में कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की देर रात तक भीड़ लगी रहती थी। इस बार कपड़ों की सेल करीब 40-50 प्रतिशत कम हुई है। इसकी खास वजह ऑनलाइन शॉपिंग है।
मो। उमर, कपड़ा व्यापारी
रंग व पिचकारी का मार्केट इस बार काफी अच्छा है। पिचकारियों में लेटेस्ट मॉडल की वजह से इसकी खूब बिक्री भी हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार रंग व पिचकारी की सेल 50 प्रतिशत अधिक हुई है।
लाल बाबू, रंग-पिचकारी व्यापारी