- रामनगर कड़जहां रोड किनारे दो दिन से अचेत पड़ा रहा अज्ञात युवक
- लोगों के कॉल करने पर नहीं आई एंबुलेंस, पुलिस ने भी फेरी नजरें
केस-1
शनिवार को खजनी एरिया में महुआ डाबर गांव के पास एक युवक को लोगों ने भटकते देखा था। वह सड़क पर चलते-चलते गिर जा रहा था। गांव के लोगों ने प्राथमिक उपचार कराया तो हालत में सुधार हुआ। उसने बताया कि वह पश्चिमी चंपारण का रहने वाला रमेश शाह है। पंजाब से कमाकर लौट रहा था लेकिन उस इलाके में कैसे पहुंच गया। इसका जवाब नहीं दे सका।
केस-2
15 दिन पूर्व एक युवक कुसम्ही जंगल में अचेत हाल मिला। गांव के लोगों की सूचना पर उसका उपचार कराया गया। होश में आने पर उसने अपना नाम, पता बताया। कुशीनगर निवासी युवक को किसी जीप में सवार बदमाशों ने लूटकर फेंक दिया था।
GORAKHPUR: जिस सड़क पर रोजाना सैकड़ों गाडि़यां, हजारों आम लोग, हाकिम-हुक्मरान गुजरते हैं, उसी सड़क किनारे एक युवक दो दिनों से अचेत पड़ा है। किसी ने उसकी सुधि नहीं ली। यहां तक कि उन्होंने भी नजरें फेर लीं, जिनके कंधे पर लोगों के जानमाल की हिफाजत की जिम्मेदारी है। सर्द मौसम में अचेत हाल युवक को देखकर कुछ लोगों ने सरकारी अमले को जानकारी दी। लेकिन जिम्मेदार तब भी बेखबर बने रहे। मामला खोराबार थाना क्षेत्र के रामनगर कड़जहां पेट्रोल पंप के पास का है। पब्लिक आशंका जता रही है कि जहरखुरानी का शिकार युवक भटककर वहां पहुंचा और अचेत होकर गिर पड़ा। सवाल है कि यदि उपचार के अभाव में उस युवक की मौत हो जाती है तो दोषी कौन होगा? ऐसे कई मामले हैं, जिनमें सामने होते हुए भी जिम्मेदारों ने पीडि़त को मदद पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
दूर से ही लगा रहे अटकलें
रामनगर कड़जहां पेट्रोल पंप के पास अज्ञात युवक अचेत हाल में रोड किनारे पड़ा है। उसे जो भी देखता है, बस कुछ न कुछ अटकलें लगाता है और चला जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सोमवार की सुबह वह कहीं से घूमता हुआ पेट्रोल पंप के पास पहुंचा। अचानक अचेत होकर गिर पड़ा। शुरू में नशेड़ी होने की संभावना जताकर किसी ने ध्यान नहीं दिया। देर शाम तक उसके पड़े रहने पर राहगीर उसके करीब गए। मुंह से शराब की गंध नहीं आने पर लोगों ने सरकारी एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन दूसरे दिन शाम तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। कॉल करने पर एंबुलेंस वाले टालमटोल करते रहे। वह लोग यह कहकर युवक को अस्पताल ले जाने से मना करते रहे कि आखिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। यही नहीं, रोड पर गश्त करने वाली पुलिस की भी नजर नहीं पड़ी। न ही यूपी-100 की गाड़ी वालों को ही वह दिखा। लोगों का कहना है कि पेट्रोल पंप के पास चौराहे पर भी अक्सर पुलिस मौजूद रहती है लेकिन उसने भी उसकी जान बचाने की कोशिश नहीं की।
भटकते मिल रहे हैं जहरखुरानी के शिकार
परदेस से कमाकर घर लौटने वालों को जहरखुरान लगातार निशाना बना रहे हैं। उनको नशीली चीजें खिलाकर लूट लेते हैं। नशे की हालत में युवक इधर-उधर भटकते रहते हैं। ऐसे लोगों को सड़क पर गिरा देखकर अक्सर लोग उनके पियक्कड़ होने का अनुमान लगाकर ध्यान नहीं देते। इसलिए जहरखुरानी के शिकार युवकों को मदद नहीं मिल पाती।
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