-कैंट के दाउदपुर में क्लीनिक पर चढ़कर गोली मारने का मामला

-सोनू अपने साथी के साथ हत्या के हरादे से पहुंचा था क्लीनिक पर

GORAKHPUR: तारामंडल एरिया का रहने वाला सोनू साथियों के साथ डॉक्टर की हत्या की नियत से उनके क्लीनिक के अंदर पहुंचा था। लेकिन पहले से अलर्ट हेल्थ एंप्लाइज से उसकी हाथापाई हो गई। इसके बाद मनबढ़ युवक बाहर निकलने लगे। इस बीच कर्मचारियों ने डंडा लेकर दौड़ा दिया। इस पर युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मैनेजर शेषनाथ समेत तीन लोग घायल हो गए।

पुलिस के सामने सवाल

पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस अफसरों ने इसकी जानकारी नहीं दी कि आखिर सोनू ईएनटी सर्जन डॉ। ज्ञानेश नंदन लाल को मारना क्यों चाहता था? सोनू के अंदर किस बात को लेकर डॉक्टर के प्रति इतना गुस्सा भरा था कि वह उसकी जान लेने पर अमादा था और अपनी जान जोखिम में डालकर क्लीनिक पर चढ़ गया था। पुलिस अभी इन सवालों का जवाब नहीं दे रही है। सीओ कैंट का कहना है कि सोनू को अरेस्ट करने के बाद ही इन सवालों का जवाब मिल सकेगा। उधर, शनिवार शाम से ही डॉ। ज्ञानेश नंदन लाल से पुलिस पूछताछ करना चाहती है लेकिन वह सामने नहीं आ रहे हैं। उन्होंने खुद तहरीर भी नहीं दी। उन्होंने दूसरे के हाथों तहरीर थाने पर भेज दी। शनिवार रात वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए।

फायरिंग की सुलझी गुत्थी

पुलिस के हाथ लगी एक मोबाइल की वायस रिकार्डिग ने क्नीनिक पर हुई फायरिंग की पूरी गुत्थी सुलझा दी है। रिकार्डिग में कुछ ऐसी बाते सामने आई हैं जिसको सुनने के बाद पुलिसवाले भी चौंक गए। पुलिस ने उस रिकार्डिग को अपने कब्जे में ले लिया है। माना जा रहा है कि उसी के बाद गुस्से में आया सोनू क्लीनिक पर चढ़ा था।

हेल्थ एंप्लाइज के बयान पर पुलिस का शक गहराया

डॉक्टर ने नंबर लगाने के विवाद में फायरिंग की तहरीर दी और अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पर घायल हेल्थ एंप्लाइज के बयान के बाद से ही पुलिस को अन्य बिंदुओं पर भी शक हो गया था। पुलिस अफसरों ने जब एंप्लाइ का बयान लिया। बताया कि फायरिंग करने वाला युवक रिसेप्शन पर चढ़ने के बाद डॉक्टर तक पहुंचने की हर संभव प्रयास कर रहा था। पहले वह मरीज बनकर जाना चाहता था लेकिन उस समय नंबर लगाने से इनकार करने पर वह डॉक्टर से मिलने की जिद कर रहा था। एंप्लाइज ने मिलने भी नहीं दिया तो उसने उनकी पिटाई की और कहा, जाकर डॉक्टर को बता दो सोनू आया है। पुलिस को उनकी यही बात खटकी और डॉक्टर से जब अफसरों ने फोन से पूछा कि क्या वे किसी सोनू को जानते हैं। डॉक्टर ने इनकार करते हुए अज्ञात हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी। इसके बाद पुलिस के सामने वह रिकार्डिग आ गई लेकिन डॉक्टर नहीं आए।

आईएएम से पुलिस ने संपर्क कर बताई पूरी कहानी

डॉक्टर्स की हड़ताल पर जाने के बाद पुलिस अफसर भी चुप नहीं है। शनिवार देर शाम तक कुछ डॉक्टर्स को संपर्क कर पूरी कहानी उजागर कर दी थी। इसके बाद शनिवार से ही डॉक्टर हड़ताल के निर्णय को लेकर असमंजस में रहे। कुछ सीनियर डॉक्टर्स की तो मीटिंग के दौरान ही सच्चाई पता लग गई थी, लिहाजा वह हड़ताल पर जाने से पहले एक दो दिन रूक कर पुलिस को वक्त देने की बात कह रहे थे लेकिन जो डॉक्टर अंजान थे। वह हड़ताल पर जाने के लिए अड़े थे। लिहाजा इस बीच वरिष्ठ डॉक्टर शांत रहे।

आरोपी की पत्‍‌नी के फैमिली मेंबर्स हिरासत में

गोलीकांड में जिन युवकों के नाम सामने आए है उन्हें अरेस्ट करने के लिए पुलिस उनके फैमिली मेंबर्स को हिरासत में लेकर दबाव बना रही है। इसमें सोनू और उनके चचेरे भाई की पत्‍‌नी और सुनील के पिता, भाई भी शामिल है। सोनू के भाई की ही स्विफ्ट कार घटना में इस्तेमाल हुई थी। पुलिस ने सोनू के भाई की पत्‍‌नी को तो छोड़ दिया, लेकिन सुनील के फैमिली मेंबर्स और सोनू की पत्‍‌नी अभी हिरासत में है।

यह है घटना

कैंट थाने के पास स्थित ईएनटी सर्जन डॉक्टर ज्ञानेश नंदन लाल के क्लीनिक पर शनिवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे दो बदमाशों ने फायरिंग की थी। उन्होंने रिसेप्शन पर झगड़ा किया। कर्मचारी को पीटा, लेकिन कर्मचारियों के पकड़ने पर फायरिंग की, जिसमें कर्मचारी शेषनाथ और मेडिकल स्टोर चलाने वाले हनुमान तथा क्लीनिक के बाहर खड़ी महिला तीमारदार कामाख्या को गोली लगी थी।