एमएमएयूटी में मालवीय एल्युमनाई मीट-2019 का हुआ उद्घाटन

GORAKHPUR:

मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नीकल में दो दिवसीय 'मालवीय एलुमनाई मीट-2019' का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण ने की। जबकि चीफ गेस्ट यूनिवर्सिटी के 1982 बैच के इलेक्ट्रॉनिक्स के छात्र एवं वर्तमान में आयल इंडिया लिमिटेड के प्रेसिडेंट व एमडी सुशील चन्द्र मिश्र रहे।

गाजे बाजे के साथ निकला शोभायात्रा

उद्घाटन सत्र में यूनिवर्सिटी के छात्र एवं वर्तमान में आईटीआई के प्रेसिंडेंट एवं एमडी आरएम अग्रवाल बतौर स्पेशल गेस्ट के मौजूद रहे। इस दौरान वीसी प्रो। श्री निवास सिंह ने प्राविधिक शिक्षा मंत्री को बुक्स देकर कर वेलकम किया। उसके बाद यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबिली बैच-1969 तथा सिल्वर जुबिली बैच-1994 के छात्रों की शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ परिसर के मुख्य द्वार से मालवीय जी की प्रतिमा, मां। सरस्वती की प्रतिमा होते हुए बहुउद्देशीय सभागार पहुंची। जहां वर्तमान छात्रों ने तिलक लगाकर शोभायात्रा में सम्मिलित सभी गेस्ट्स का स्वागत किया।

पुराने दिनों को याद किए मालवियंस

मालवीय एलुमनाई एसोसिएशन के सचिव इं। दया शंकर सिंह ने सभी गेस्ट्स का वेलकम किया। प्रोग्राम को संबोधित करते हुए गोल्डन जुबिली बैच के प्रतिनिधि इं। केके वाजपेयी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि एमएमएमयूटी हमारे जीवन के हर कदम पर सहायक रहा। प्रोग्राम के दौरान पूर्ववर्ती युनिवर्सिटी के पूर्व प्राचार्य रहे प्रो। पांडे बीबी लाल को 'मालवीय टीचर्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया। प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी के एल्युमनाई रहे इं। राम प्यारे तिवारी, मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) सिंचाई विभाग को वर्ष 2019 का मालवीय डिस्टिंग्विज्ड एल्युमनाई अवार्ड से सम्मानित किया गया।

बाक्स में

सौर उर्जा पर देना होगा हमें जोर - प्राविधिक शिक्षा मंत्री

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण ने कहा कि महामना पंडित मालवीय के नाम पर स्थापित इस संस्थान में अपार संभावनाएं हैं। यह संस्थान भविष्य में तकनीकी शिक्षा का नेतृत्व करने के लिए हर तरह से योग्य है। उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन व प्रयोग पर बल देने को कहा। उन्होंने पूर्व छात्रों से आह्वान किया कि वे यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे अपने छोटे भाइयों में कौशल विकसित करने और उनके सेवायोजन के लिए हर संभव मदद देने का संकल्प लें। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी श्रीमद्भगवद् गीता से लिए अपने ध्येय वाक्य योग: कर्मसु कौशलम को चरितार्थ करने का प्रयास करें।