- 15 जनवरी को मकर संक्रांति और 26 को मनाया जाएगा बुढ़वा मंगल
- भारी संख्या में पुलिस फोर्स और स्वयं सेवक किए गए तैनात
GORAKHPUR:
पूर्वाचल का सबसे बड़ा पर्व मकर संक्रांति कल धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर लगने वाले खिचड़ी मेले के लिए गोरखनाथ मंदिर सजधजकर तैयार हो गया है। मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मेला प्रबंधक और प्रशासन की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। खिचड़ी मेला में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के साथ ही साथ देश के अन्य भागों के साथ ही साथ नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने आते हैं।
मुहूर्त सुबह 7.34 बजे
गोरक्षपीठाधीश्वर व सांसद योगी आदित्यनाथ ने बताया कि शुक्रवार की सुबह 7:34 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। उसके बाद मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इसके पूर्व और बाद के आठ घंटे तक का समय पुण्यकाल माना जाता है। इस समय खिचड़ी चढ़ाने वालों को पुण्य लाभ मिलता है। धनुराशि से मकर राशि में संक्रमण 'मकर संक्रांति' कहलाता है। इस तिथि को सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। इसी के बाद सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते है। वहीं 26 जनवरी को बुढ़वा मंगल का आयोजन किया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था
बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने के लिए मंदिर परिसर में अलाव, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। परिसर स्थित शौचालय के पश्चिम में नए अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया है। मन्दिर की ओर से 1500 स्वयंसेवकों को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाया गया है।
दिखेगी मेले की रौनक
15 जनवरी को खिचड़ी चढ़ाने के साथ ही एक माह तक चलने वाले मेले की रौनक देखते ही बनती है। इस बार मेले में लोकल सिटीज के सामान के साथ ही साथ दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश के भी सामान आए हुए हैं। मेला प्रबंधन का कहना है कि मेले में लगभग 500 बड़े व्यापारी अपनी दुकान लाए हैं। लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, कोलकत्ता, सीतापुर, हाजीपुर के व्यापारी आए हुए हैं। मेले में घरेलू समान, सजावट के सामान, फाइबर के सामान, जूते, चप्पल, होटल की दुकानें हैं वहीं झूले, चरखी, मौत का कुआं के अलावा ब्रेक डांस भी मनोरंजन के लिए लगा है। वहीं दूरदर्शन की तरफ से दिग्विजयनाथ सभागार में 13 जनवरी की शाम संगीत संध्या का भी आयोजन किया जाएगा।