- गोरखपुर से दिल्ली जाने वालों के लिए अब बाई रोड सफर होगा आसान
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे बनने से दस घंटे में तय करेंगे नोएडा का सफर
- दिसंबर तक शुरू होगा एक्सप्रेसवे, टिकट के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान
GORAKHPUR: रोजगार और अन्य कामों से अपने शहर से बाहर रह रहे हैं और आए दिन खास कर त्योहारों के मौके पर ट्रेन में रिजर्वेशन को लेकर परेशानी झेलते आ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब बहुत जल्दी गोरखपुर से दिल्ली की राह आसान होने वाली है। इसके बाद आपको न तो ट्रेंस में टिकट के लिए परेशान होने की जरूरत है और न ही बाई रोड सफर करने में सोचना पड़ेगा। 302 किलोमीटर लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद नोएडा से गोरखपुर की दूरी बाई रोड अब कुछ ही घंटों में तय की जा सकेगी। सूत्रों के मुताबिक यूपी के सीएम अखिलेश यादव भारत के इस सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को पहले के तय समय 36 महीने की बजाय अब मात्र 22 महीनों में ही पूरा करना चाहतें हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस एक्सप्रेसवे के इस साल के अंत तक बन जाने की पूरी संभावना है।
महज 10 घंटे में दिल्ली
गोरखपुर से नोएडा जाने व आने वालों के लिए अब तक आगरा जाने तक के लिए एक वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेसवे तो था, लेकिन लखनऊ व आगरा के बीच में ऐसे किसी भी एक्सप्रेसवे नहीं होने की वजह से गोरखपुर से नोएडा का सफर 15-16 घंटे तय करना पड़ता है। लेकिन 302 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उस कमी को पूरी का देगा। 15 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे लखनऊ और आगरा के बीच की दूरी को तय करने में अब 6.30 घंटे की जगह मात्र 3 घंटे लगेंगे। इससे अब गोरखपुर से नोएडा का सफर मात्र 10 घंटे पूरा हो जाएगा। इससे अब ट्रेन की तुलना में नोएडा व दिल्ली जाने वाले लोगों के लिए बाईरोड सफर ज्यादा आसान हो जाएगा।
22 हजार वर्कर लगे
यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से यूपी सरकार को सौपें गए एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट को तयावधि से पहले पूरा करने के लिए एक साथ 22 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहें हैं। इनमे से 1250 इंजीनियर, 1500 गैर तकनीकी स्टाफ और 22 हजार अन्य कर्मचारी काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें खास बात यह है कि देश में अपने आप में यह पहला एक्सप्रेसवे होगा जिस के किनारे 10 प्राइमरी स्कूल, एक हॉस्पिटल भी बनेंगे। इसमें आर्मी के फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए इस एक्सप्रेसवे पर अलग से एक एयर स्ट्रिप भी बन रही है। साथ में फाइटर प्लेन को रखने के लिए इस अनूठे एक्सप्रेसवे पर हेंगर भी बनेगें। आपातकालीन परिस्थितयों के लिए इस एक्सप्रेसवे पर एक ट्रामा सेंटर भी बनेगा। पूरे एक्सप्रेसवे पर 13 बड़े पुल, 54 छोटे पुल, 2 फ्लाई ओवर, 74 अंडरपास, और टोल प्लाजा भी होंगे।