- अफसरों की चुप्पी का फायदा उठा रहे दलाल

- आई नेक्स्ट ने किया लगातार कालाबाजारी का खुलासा

GORAKHPUR: सिटी में घरेलू गैस की किल्लत और कालाबाजारी की शिकायत पर आई नेक्स्ट ने लगातार खुलासे किए। किचन की गैस कैसे व्हीकल में चल रही है तो कैसे फर्जी तरीके से गैस फिलिंग सेंटर चल रहे हैं। किस तरह से हॉकर गैस की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे है? साथ ही कैसे उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाला जा रहा है। इस मुहिम के बाद भी जिम्मेदार सो रहे है? यह उनकी लापरवाही का नतीजा है कि दलाल एक्टिव है। आज हम आपको बताएंगे कि कौन है इसका जिम्मेदार, जिनकी पहल से गैस की कालाबाजारी पर अंकुश सकता है।

कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति

नाम- चेतन पटवारी

पद-एरिया मैनेजर, आईओसी

जिम्मेदारी- आईओसी के एरिया मैनेजर चेतन पटवारी की जिम्मेदारी गैस की कालाबाजारी को रोकना और उपभोक्ताओं की प्रॉब्लम सॉल्यूशन निकालना है। गैस एजेंसियों द्वारा की जा रही कालाबाजारी को रोकने के साथ ऐसी एजेंसियों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी भी उन्हींपर है, लेकिन आईओसी के अफसर कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे है।

एक बाबू के सहारे डिपार्टमेंट

नाम- कमल नयन

पद- डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर

जिम्मेदारी- डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर (डीएसओ) की जिम्मेदारी है कि सप्लाई से संबंधित किसी भी तरह की धांधली को रोकना, लेकिन खुल्लमखुल्ला कालाबाजारी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहींउठाया जाता है। डिपार्टमेंट में यह भी चर्चा है कि कहने को तो सप्लाई डिपार्टमेंट सबसे बड़े अफसर कमल नयन हैं, लेकिन डिपार्टमेंट एक बाबू के हवाले है। इसके चलते भी गैस की कालाबाजारी पर रोक नहींलग पा रही है।

डीएम ने नहींदिया कोई निर्देश

नाम- रंजन कुमार

पद- जिलाधिकारी

जिम्मेदारी- जिलाधिकारी की जिम्मेदारी पूरा जिला होता है। सप्लाई डिपार्टमेंट भी डीएम के अधीन है.पब्लिक से जुड़ी किसी भी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन डीएम कर सकता हैस लेकिन गैस की कालाबाजी का खेल शायद डीएम की नॉलेज में नहींहै। तभी तो कोई कार्रवाई नहींकी जाती है। गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम साहब ने अभी तक कोई निर्देश नहीं दिया है।

नहींहोती चेकिंग

नाम- एम। अंसारी

पद- आरटीओ

जिम्मेदारी- आरटीओ की जिम्मेदारी है सिटी में अनाधिकृत वाहन पर रोक लगाई जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। आई नेक्स्ट ने उजागर किया था कि कैसे फर्जी तरीके से लोग घरेलू गैस भरवा कर गाड़ी चला रहे है। साथ ही यह भी खुलासा किया था कि किस तरह से बिना लाइसेंस के फर्जी एलपीजी किट सिटी में लगाई जा रही और उन्हें फिल किया जा रहा है। आरटीओ कभी ऐसे वाहनों की चेकिंग नहीं करता। बस खानापूर्ति करता है। अगर आरटीओ किट की चेकिंग करे तो गैस की कालाबाजारी पर रोक लग सकती है।

केवल गाड़ी उठाते हैं

नाम- रमाकांत प्रसाद

पद- एसपी ट्रैफिक

जिम्मेदारी- यूं तो एसपी ट्रैफिक की जिम्मेदारी सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ अनाधिकृत वाहनों पर लगाम करने की भी है। ट्रैफिक पुलिस का काम केवल चालान करने और नो पार्किग जोन से गाड़ी उठाने तक ही सीमित हो गया है। जबकि ट्रैफिक डिपार्टमेंट ब्लैक फिल्म के साथ अगर प्राइवेट गाडि़यों और ऑटो में लगी एलपीजी किट की चेकिंग करे तो एलपीजी गैस की कालाबाजारी में रोकने में सहायक हो सकती है।

आखिर कब जाएगा सरकारी डिपार्टमेंट

आई नेक्स्ट के पास लगातार ऐसी शिकायतें आ रही थी कि घरेलू गैस की न केवल कालाबाजी हो रही बल्कि गैस एजेंसियां उपभोक्ताओं से मनमानी कर रही हैं। इसके बाद आई नेक्स्ट ने ऑपरेशन एलपीजी कैंपेन चलाया। लगातार अलग-अलग तरीके से कालाबाजारी, गैस एजेंसियों की मनमानी को उजागर किया। आई नेक्स्ट ने जिम्मेदार अफसरों को भी इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे हैं। अगर ये अफसर जाग जाए तो कालाबाजारी पर अंकुश लग लगता है। एक सवाल यह भी है कि आखिर कब यह अफसर नींद से जागेंगे और कब पब्लिक की समस्या का निराकरण होगा?