- बीएड में अब तक महज 2 लाख 14 हजार 993 ने कराया रजिस्ट्रेशन
- 2 साल का कोर्स होने के साथ चुकानी होगी एक्स्ट्रा फीस
- बीएड में एक लाख 80 हजार सीट हैं अवेलबल
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री हासिल कर टीचर बनने का ख्वाब सजाए गोरखपुराइट्स का क्रेज लगातार कम होता जा रहा है। बीते चार सेशन में बीएड एंट्रेंस में शामिल होने के लिए रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स के आंकड़े इसको साफ बयां कर रहे हैं। पिछले तीन साल से लगातार बीएड की सीटें खाली रह जा रही हैं। हालत यह है कि एंट्रेंस में शामिल होने वाले सभी कैंडिडेट्स को काउंसिलिंग के लिए कॉल करनी पड़ी, जिसके बाद भी सीटें नहीं भर सकीं। इन आंकड़ों को देखते हुए एजुकेशन सिस्टम से जुड़े लोगों की टेंशन और बढ़ गई है और उन्हें यह टेंशन सताने लगी है कि बीएड कोर्स की फीस और टाइम पीरियड बढ़ जाने पर कहीं सीट भरने के लाले न पड़ जाएं। बीएड एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी इस बार लखनऊ यूनिवर्सिटी के पास है।
रजिस्ट्रेशन में ही दिखने लगा असर
प्रदेश में पहली बार बीएड 2 साल का होने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की शुरुआत 10 फरवरी से हो गई थी। फॉर्म भरने की लास्ट डेट 7 मार्च तय की गई। डेट ओवर हो गई और रजिस्ट्रेशन में ही बीएड कोर्स में अमेंडमेंट किए जाने का असर नजर आने लगा। पिछली बार जहां 2 लाख 34 हजार 674 रजिस्ट्रेशन हुए थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा और नीचे आ गया। लखनऊ यूनिवर्सिटी से मिले आंकड़ों पर नजर डाले तो लास्ट डेट बीतने के बाद इस बार डाटा का ग्राफ और नीचे आ गया और टोटल 2 लाख 14 हजार 993 कैंडिडेट्स ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है।
सीटें रह जा रही है खाली
बीएड में एडमिशन के वक्त गवर्नमेंट कॉलेज मिलने तक तो कैंडिडेट्स की भीड़ लगी रहती है। मगर जैसे ही गवर्नमेंट कॉलेजेज में सीटें फुल होती हैं, वैसे ही कैंडिडेट्स गायब होने लगते हैं। पिछले तीन बार से ऑर्गेनाइज होने वाले एंट्रेंस में यह बातें देखने को मिली हैं। चाहे वह 2013-14 में डीडीयू गेारखपुर यूनिवर्सिटी की ओर से कराया गया एंट्रेस हो या पिछली बार बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी की ओर से कंडक्ट कराई गई काउंसिलिंग। काउंसिलिंग के बाद भी हजारों सीटें खाली रह गई।
कितना असर डालेगा दो साल का बीएड
एक साल के बीएड कोर्स से उचाट हो रहे कैंडिडेट्स के मन को देखने के बाद भी इस बार से बीएड 2 साल का कर दिया गया। एजुकेशन फील्ड के एक्सपर्ट्स की मानें तो बीएड में इस बार इसका साइड इफेक्ट भी देखने को मिल सकता है। वहीं फीस 51250 से बढ़ाने को लेकर हुए फैसले से इसकी मुश्किलें और भी बढ़नी है। ऐसे में बीएड कराने वाले कॉलेजेज के सामने सबसे बड़ा चैलेंज अपने कॉलेज की सीटों को भरना होगा। इस बार एंट्रेंस में अब तक 1 लाख 61 हजार 594 स्टूडेंट्स ने ही अब तक फीस जमा की है। फीस को जमा कर फॉर्म भरने की लास्ट डेट 10 मार्च है। ऐसे में अब और कितने कैंडिडेट्स फीस जमा करते हैं और यह आंकड़ा बीएड में मौजूद 1 लाख 80 हजार सीटों के बराबर पहुंच पाता भी है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।
हजारों सीटें रह गई खाली
सेशन कंडक्टेड बाई बची सीटें
2014-15 बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी 25 हजार से ज्यादा
2013-14 डीडीयू गेारखपुर यूनिवर्सिटी 34,294 सीटें
इंपॉर्टेट डेट्स -
एग्जामिनेशन फीस जमा करने की लास्ट डेट - 9 मार्च
फॉर्म कंप्लीट करने की लास्ट डेट- 10 मार्च
हार्ड कॉपी भेजने की लास्ट डेट - 15 मार्च
एंट्रेंस एग्जाम डेट - 25 अप्रैल