GORAKHPUR: दिवाली में चाइनीज बाजार काफी गुलजार है। मार्केट में पिछले पांच सालों से कब्जा जमाए रखने वाले चाइनीज झालरों का कारोबार अब डगमगाने लगा है। चाइना के आइटम्स के तोड़ के तौर पर देसी हैंडमेड झालर और डेकोरिटिव लाइट्स लोगों को खूब भा रही है और यह हाथो-हाथ बिक जा रही है। धनतेरस की मार्केट गुलजार होने के बाद लिमिटेड क्रिएशन की वजह से देसी झालरों की शार्टेज पड़ गई है, जिससे देर शाम के बाद फिर चाइनीज झालरों की चकाचौंध्ा बढ़ गई.
50-50 पहुंच गई हिस्सेदारी
पिछले पांच-सात सालों से मार्केट में चाइनीज आइटम्स ने कब्जा जमा रखा था। इसमें भी दिवाली के दौर में सबसे ज्यादा चाइनीज लाइट्स और झालरों की डिमांड रहा करती थी। मगर पिछले दो सालों से चाइनीज चीजों का जो बहिष्कार शुरू हुआ है, उसका असर इस बार दिवाली की मार्केट में भी देखने को मिल रहा है। जहां पहले एक छत्र राज करने वाले चाइना के सामान की सेल 90 फीसदी से गिरकर 50 फीसदी पर जा सिमटी है, वहीं इंडियन मार्केट चमकते हुए 5 से 10 फीसदी के शेयर से 50 फीसद तक पहुंच बनाने में कामयाब रही है।
महंगी, लेकिन ड्यूरेबल
मार्केट में मिलने वाली देसी लाइट्स और झालरों की बात करें तो यह चाइनीज आइटम्स के मुकाबले कुछ कॉस्टली है। मगर ड्यूरेबल होने की वजह से यह लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। चाइनीज लाइट्स एक सीजन के बाद अगर स्टोर कर रखी जा रही है, तो वह खराब हो जा रही है, जबकि इंडियंस लाइट्स के साथ ऐसा नहीं है, वह एक बार नहीं बल्कि सालों-साल इस्तेमाल की जा रही है, जिसकी वजह से यह लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। इनकी सबसे खास बात यह है कि इनके हर बल्ब को प्रॉपर सोल्ड किया जा रहा है, जिससे इनकी लाइफ और ज्यादा बढ़ सके.
चेंज कर सकते हैं बल्ब
इंडियन लाइट्स की सबसे खास बात यह है कि पहले तो इनकी क्वालिटी इतनी बेहतरीन है कि यह खराब नहीं होती। लेकिन अगर खराब हो भी जाए, तो इनके एक-एक बल्ब को रिप्लेस किया जा सकता है, जबकि चाइनीज सामान के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर सीरीज में एक भी बल्ब खराब हुआ, तो पूरी लाइट खराब होने के चांसेज हैं। चाइनीज झालर 10 लर से शुरू होकर 150 लरों तक बनी चाइनीज लाइट्स मार्केट में अवेलबल हैं, वहीं देसी लाइट्स 50, 100, 150 और 200 के पेयर में हैं, जो हाथों-हाथ बिकी हैं.
15 रुपए से चाइनीज की शुरुआत
लाइट्स की बात करें तो चाइनीज झालर इस मामले में कई ज्यादा सस्ती है। चाइनीज लाइट्स की शुरुआत 15 रुपए से ही हो जा रही है। वहीं 250 रुपए तक चाइनीज झालर की रेंज मार्केट में अवेलबल है। वहीं, देसी झालरों की बात करें तो इनकी शुरुआत 90 रुपए से है और बल्ब की क्वांटिटी के अकॉर्डिग इनके बाद तय किए गए हैं। चाइनीज के मुकाबले देसी इसलिए महंगे हैं, क्योंकि इनकी हर लाइट्स पर मैनुअली मेहनत की गई है। वहीं चाइनीज लाइट्स सिर्फ फिटिंग का कमाल है।
चाइनीज लाइट्स का बिजनेस पिछले सालों के मुकाबले में काफी डाउन हुआ है। जहां पहले महज 10 फीसदी इंडियन लाइट्स बिकती थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा 50 फीसद तक पहुंच चुका है।
- देवेंद्र, व्यापारी
इंडियन लाइट्स की काफी डिमांड है। सुबह से 50 फीसद से ज्यादा लोग इसको परचेज कर ले गए हैं। चाइनीज सस्ती होने की वजह से उसे भी लोग मांग रहे हैं। मगर सभी देसी लाइट्स जरूर खरीद रहे हैं।
- रवि, व्यापारी