- लोकल फॉल्ट सही करने की जिम्मेदारी स्काडा को मिली

- तीनों एक्सईएन ने स्काडा और चीफ इंजीनियर को लिखा पत्र

GORAKHPUR: योजनाओं की लेट लतीफी किसी शहर पर कितनी भारी पड़ती है, इसका अंदाजा गोरखपुराइट्स को इस गर्मी महसूस होगा। 15 महीने में पूरे शहर की बिजली व्यवस्था को बदलने की योजना 10 महीने में केवल 40 प्रतिशत ही पूरी हो पाई है। अधूरी योजनाओं की जानकारी भले ही पब्लिक को नहीं है, लेकिन अफसरों का अभी से पसीना छूटने लगा है। उन्हें डर सताने लगा है कि स्काडा योजना के तहत अधूरे रह गए कार्यो के कारण अब गली मोहल्लों में हुए लोकल फॉल्ट विभाग के लिए रोजाना नई परेशानियां खड़ी करेंगे।

एंप्लाइज की है कमी

स्काडा योजना के तहत रिलायंस कंपनी को शहर में बिजली व्यवसथा दुरुस्त करने का कॉन्ट्रैक्ट कार्य मिला है। शहर के किसी भी एरिया में होने वाले लोकल फॉल्ट को सही करने की जिम्मेदारी आमतौर पर एसडीओ और जेई की होती है। फिलहाल ये जिम्मेदारी रिलायंस कंपनी को दे दी गई है। अब विभाग के एसडीओ और जेई को केवल लोकल फॉल्ट की जानकारी होने पर स्काडा को सूचित करना होगा। इस नए आदेश के बाद अफसरों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं, क्योंकि स्काडा में कर्मचारियों की बेहद कमी है। ऐसी स्थिति में अफसरों को डर है कि जब गर्मी में लोकल फॉल्ट बढ़ेंगे तो कहीं उन्हें पब्लिक के गुस्से का शिकार न होना पड़े।

एक्सईएन लिख चुके हैं पत्र

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि स्काडा योजना को रिलायंस कंपनी संचालित कर रही है। रिलायंस जिस गति से कार्य कर रही है, उससे यही लग रहा है कि शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था नवंबर तक पूरी हो पाएगी। वहीं इस गर्मी में अधूरे पड़े कार्यो के कारण पब्लिक को लोकल फॉल्ट और लो वोल्टेज जैसी कई प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ेगा। एसई ने बताया कि सिटी के तीनों एक्सईएन ने पत्र लिखकर यह जानकारी दी, उसके बाद हमने भी पत्र लिखकर रिलायंस को सख्त निर्देश दिया है कि अगर जल्द कार्य में तेजी नहीं लाई गई तो विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई की जाएगी।

स्काडा योजना के तहत कार्य सही समय से न करने पर रिलायंस कंपनी को पत्र लिखा गया है। अगर इस महीने के अंत तक कंपनी कार्य में तेजी नहीं लाती, तो एमडी को अनुबंध रद्द करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम