- शहर के दीवान बाजार की महिमा ने जीते हैं 17 इवेंट्स में 17 गोल्ड मेडल
- 6वीं की स्टूडेंट है ग्रैपलिंग में महारथी, ओलंपिक कराटे चैंपियन बनने का है ख्वाब
GORAKHPUR: लड़कियां किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर स्पोर्ट्स की बात करें तो बैडमिंटन, टेनिस, एथलेटिक्स, रेसलिंग जैसे सभी गेम्स में फीमेल खिलाडि़यों ने जलवा बिखेरा है। शहर में भी गर्ल्स लगातार जलवा बिखेरने में लगी हुई हैं। इन दिनों शहर की गोल्डन गर्ल महिमा ने कराटे में जलवा बिखेर रखा है। अब तक हुए 17 इवेंट में अजेय रही महिमा ने 17 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। इसमें ग्रेपलिंग साउथ एशियन गेम्स और अक्षय कुमार इंटरनेशनल टूर्नामेंट कूडो में गोल्ड शामिल है।
महज 11 साल में किया कमाल
कराटे और रेसलिंग में महिमा ने जलवा बिखेरा है। मूल रूप से दीवान बाजार के रहने वाले विश्व बंधू सिंह और डॉ। राधा सिंह की बिटिया महिमा सभी धाकड़ों को धूल चटा चुकी हैं। सेंट पॉल स्कूल में क्लास 6 में पढ़ने वाली 11 साल की महिमा को महज दो साल पहले रेसलिंग और कराटे का शौक जगा। इस दौरान उन्होंने मेहनत और लगन से प्रैक्टिस कर सिर्फ दो साल में ही यह उलपब्धि हासिल कर ली। बिटिया के कारनामों से न सिर्फ माता-पिता बल्कि मोहल्ले वालों का भी सीना चौड़ा हो गया है और वह इस गोल्डन गर्ल की लगातार हौसला अफजाई में लगे हुए हैं।
जारी है गोल्ड की बरसात
शहर के प्रताप मार्केट में चल रही ईस्टर्न नियुद्ध एकेडमी में इंटरनेशनल कराटा ट्रेनर विजय कसेरा के अंडर में ट्रेनिंग कर रही महिमा ने काफी कम समय में ज्यादा सीखकर गुरु को तो आश्चर्यचकित कर ही दिया, अपने पेरेंट्स और गार्जियस के फैसले को भी सही साबित कर दिया। महिमा की परफॉर्मेस देख कोच ने उसे टूर्नामेंट में उतारा तो गोल्ड की बरसात का सिलसिला शुरू हुआ, जो लगातार जारी है।
यह है उपलब्धि
साल 2015-16
ग्रेपलिंग साउथ एशियन गेम में गोल्ड
कराटे जनपदीय में 3 गोल्ड
स्टेट लेवल पर 3 गोल्ड
कूडो गेम में 3 गोल्ड
नेशनल गेम में 1 गोल्ड
साल 2014-15
अक्षय कुमार इंटरनेशनल टूर्नामेंट कूडो में गोल्ड
जनपदीय कराटे में दो गोल्ड
कराटे नेशनल में 3 गोल्ड
मेरे माता-पिता के साथ अब मुझे सभी गोल्डन गर्ल ही पुकारते हैं। मुझे ओलंपिक कराटे का चैंपियन बनना है। इसके लिए मैं जी तोड़ मेहनत कर रही हूं। मुझे यकीन है कि एक दिन मैं देश के लिए गोल्ड मेडल जीतूंगी।
- महिमा सिंह
काफी मेहनती और अच्छी प्लेयर है। महज दो साल में इसका गेम काफी बेहतर हुआ है.17 टूर्नामेंट में इसने हिस्सा लिया है, जिसमें अभी तक इसे कोई नहीं हरा सका है और सबमें इसे गोल्ड मेडल हासिल हुआ है।
- विजय कसेरा, कराटा ट्रेनर