- चेकिंग के बाद भी शहर दो प्रतिशत बढ़ा लाइन लॉस

- इसे रोकने के लिए डेढ़ माह से चल रहा है अभियान

- इस डेढ़ माह में लगभग दो प्रतिशत से अधिक बढ़ा लाइन लॉस का आंकड़ा

GORAKHPUR: 'मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की' यह मिसरा बिजली विभाग की हालिया कोशिश पर बिल्कुल सटीक बैठता है। लाख कोशिशों के बाद भी बिजली विभाग शहर में लाइन लॉस कम नहीं कर सका। विभाग की तरकीब भी अब उलटी पड़ने लगीं हैं। इसकी वजह से लाइन लॉस का आंकड़ा बजाए कम होने के और बढ़ गया है। पिछले दो माह से चल रहे बिजली चेकिंग अभियान का भी कोई खास असर नहीं दिखा है। पिछले दो माह की बात करें तो शहर में लाइन लॉस करीब ढाई प्रतिशत बढ़ गया है। फरवरी माह के आखिर में यह आंकड़ा 29 से बढ़कर 31.5 प्रतिशत हो गया है। विभाग अगर इसे कंट्रोल कर लेता, तो शहरवासियों को डेढ़ घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।

हवा हुई कॉम्बिंग अभियान

बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने जनवरी माह में बड़े स्तर पर चेकिंग अभियान शुरू किया। इसमें प्रत्येक दिन डिविजन के सभी एसडीओ, जेई और लाइन स्टाफ ने मिलकर एक फीडर पर चेकिंग की। अभियान का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी पकड़ने के साथ ही राजस्व वसूली और लोड बढ़ाना था। मगर जिस तरह के सूरते हाल हैं, उससे तो यह लगता है कि विभाग ने अपना सारा ध्यान लोड बढ़ाने और राजस्व वसूली में केंद्रित कर रखा है, जिसकी वजह से बिजली चोरों की मौज है और लगातार लाइन लॉस का आंकड़ा बढ़ रहा है। जनवरी और फरवरी माह में 18170 कनेक्शन की जांच की गई। जिसमें लगभग 1 हजार कंज्यूमर्स के यहां मीटर बदले गए।

वूसली में बेहतर हुआ रिकॉर्ड

पूर्वाचल में कॉम्बिंग अभियान की सफलता में गोरखपुर को दूसरे पायदान पर जगह मिली। इसके बाद अफसरों ने भी विभाग की पीट थपथपाई। मगर अभियान में वसूली के साथ ही बिजली चोरी भी बढ़ गई, जिसकी वजह से लाइन लॉस भी बढ़ गया। महानगर विद्युत वितरण निगम के आंकड़ों पर नजर डाले तो जुलाई माह में 29 फीसदी लाइन लॉस था, वहीं अगस्त माह में यह आंकड़ा 31.5 फीसदी पहुंच गया है।

डेढ़ घंटे एक्स्ट्रा मिलती बिजली

गरमियां करीब आते ही सिटी में भीषण बिजली कटौती भी शुरू हो गई है। गोरखपुराइट्स को 12 से 14 घंटे ही बिजली मिल रही है। अगर कॉर्पोरेशन बिजली चोरों पर ध्यान दे, तो सिटी को डेढ़ घंटा और एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है। लेकिन अफसरों की यह कारगुजारी केवल कागजों तक ही सीमित है, जिसकी वजह से कंज्यूमर्स को राहत नहीं मिल पा रही है। महानगर विद्युत वितरण निगम के आंकड़ों पर नजर डाले तो डेली 20 से 25 मेगा यूनिट की बिजली चोरी होती है। अगर यह चोरी रुक जाए तो सिटी को डेली डेढ़ घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।

बिजली चोरी रोकने के लिए महानगर विद्युत वितरण निगम लगातार प्रयास कर रहा है। कॉम्बिंग अभियान चलाने के साथ ही साथ ट्रांसफॉर्मर पर मीटर भी लगाए जा रहे हैं। इसके बाद किस ट्रांसफॉर्मर से बिजली चोरी हो रही है, वह पकड़ में आ जाएगी।

आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम