गोरखपुर (ब्यूरो)।सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि एक तरफ अभियान चलाकर कटिया कनेक्शन हटाए जा रहे हैं, लेकिन टीम के जाते ही फिर उसे जोड़ लिया जा रहा है। कई मोहल्लों में एसी, फ्रीज जैसे उपकरण कटिया मारकर चलाते हुए पकड़े गए हैं। इससे करोड़ों रुपए की प्रतिमाह चपत लग रही है। अफसरों का कहना है कि जब तक चोरी पर अंकुश नहीं लगेगा, तब तक सप्लाई को प्रॉपर नहीं किया जा सकता है। सप्लाई व्यवस्था लड़खड़ाने के पीछे कटियामारी सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है।

100 में जमा हो रहे सात रुपए

गोरखपुर जिले ही नहीं मंडल में हजारों लोग कटियामारी से खुलेआम बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनकी ओर से देखने वाला कोई नहीं है। इन इलाकों से जुड़े फीडर्स में लाइनलॉस 93 परसेंट से ज्यादा हो चुका है। यानी सौ रुपए की बिजली बेचने पर सिर्फ सात रुपए ही निगम के खाते में जमा हो रहे हैं। देवरिया बाईपास के बनसप्ती में सड़क किनारे बनी झुग्गी-झोपडिय़ों में कटिया कनेक्शन से बिजली जलाने की बात उठाई, पर किसी अभियंता को कोई फर्क नहीं पड़ा। देवरिया बाईपास से तारामंडल रोड पर सड़क किनारे बसी झुग्गी-झोपडिय़ों में कटिया डालकर बिजली जलाई जा रही है। इस रास्ते बिजली निगम के साथ ही अन्य विभागों के भी अधिकारी आते-जाते रहते है।

एबीसी केबल का तोड़ भी बेअसर

बिजली चोरी रोकने के लिए निगम ने घनी बस्तियों में एरियल बंच कंडक्टर एबीसी से सप्लाई दी है। चोरी करने वालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। एबीसी लाइन में कांटी लगाकर उससे तार जोड़ दे रहे हैं। बिजली कनेक्शन चौहद्दी के लिए मिलता है। यानी एक परिसर में कनेक्शन मिलता है। बिजली का इस्तेमाल पड़ोसी भी किसी रूप में नहीं कर सकते हैं। लेकिन कई लोग पड़ोसी को बिजली देते हुए भी पकड़े गए हैं। इसके बदले में आठ से 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचते हैं।

गोरखपुर जिले के उपकेंद्र फीडर लाइनलॉस परसेंट

89.03-गोरखपुर रानीपुर उरांव

85.58-गोरखपुर बांसगांव भटौली

84.92-गोरखपुर उनवल वल्र्ड बैंक दो

84.78-गोरखपुर निधनापार गौरगंज

84.57-गोरखपुर सरहरी लक्ष्मीपुर

83.80-गोरखपुर मछलीगांव भौराबारी

83.23-गोरखपुर अमहिया झंगहा

मंडल के यह है लाइनलॉस की स्थित

50 परसेंट से ज्यादा लाइनलॉस वाले फीडर - 280

10 परसेंट से कम लाइनलॉस वाले फीडर-16

10-15 परसेंट लाइनलॉस वाले फीडर-11

16-30 परसेंट लाइनलॉस वाले फीडर-46

31-49 परसेंट लाइनलॉस वाले फीडर-94

कुल फीडर्स की संख्या -510

बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिन इलाकों में ज्यादा लाइनलॉस है वहां डोर-टू-डोर जाकर जांच कराई जा रही है। किसी भी हाल में लाइनलास 15 परसेंट से कम ले आना है।

- आशु कालिया, चीफ इंजीनियर