- इंडस्ट्री में बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने के लिए पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम ने उठाया कदम

- इंडस्ट्री के साथ ही पोल में भी लगेंगे बिजली मीटर

- बिजली विभाग तय करेगा कि इंडस्ट्री में कहां लगना है मीटर

GORAKHPUR: जिले के छोटे बिजली चोरों पर लगाम कसने के बाद बिजली विभाग बड़े बिजली चोरों पर नकेल कसने की तैयारी में है। इसके लिए बिजली विभाग ने बिजली खपत की मानिटरिंग शुरू करने की तैयारी की है। पहले चरण में इंडस्ट्री को टारगेट किया जाएगा और वहां दो मॉनीटरिंग मीटर लगाकर बिजली चोरों का पता लगाया जाएगा। इसके बाद कॉमर्शियल बड़े कंज्यूमर्स को भी इसी व्यवस्था के तहत मॉनीटर किया जाएगा। बिजली विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो पहले चरण में गोरखनाथ के इंडस्ट्रियल एरिया में यह सिस्टम लागू किया जाएगा, उसके बाद गीडा की बारी है।

पोल और मेन गेट पर लगेंगे मीटर

गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह का कहना है कि सभी इंडस्ट्री में अब दो मीटर लगाकर लाइन लॉस रोकने की रणनीति बनाई गई है। इसके तहत दो मीटर लगाए जाएंगे। एक मीटर कनेक्शन पोल पर जबकि दूसरा इंडस्ट्री में लगाया जाएगा। जो मीटर पोल पर लगेगा उसका खर्च भी कंज्यूमर्स को ही वहन करना होगा। कंपनी में लगने वाला मीटर भी बिजली विभाग की ओर से चिन्हित जगह पर लगाया जाएगा। उनका कहना है कि पहले कंज्यूमर्स कहीं भी मीटर लगा लेते थे, जिसके बाद मीटर बाईपास कर बिजली चोरी कर ली जाती थी। मगर इस संभावना को खत्म करने के लिए विभाग ने यह नया हथकंडा अपनाया है। अब मीटर मेन गेट पर लगेंगे, ताकि बिजली विभाग का कोई कर्मचारी रीडिंग लेने जाए तो उसको कंपनी में मीटर न खोजना पड़े।

रीडिंग मैच होने के बाद बिल

डीके सिंह ने बताया कि यह योजना केवल लाइन लॉस रोकने और पूरा पैसा वसूलने के लिए शुरू की जाएगी। इसमें जो दो मीटर एक इंडस्ट्री के लिए लगाया जा रहा है। बिलिंग करते समय दोनों की रीडिंग ली जाएगी। पोल और इंडस्ट्री में लगे मीटर की रीडिंग जब मैच करेगी, उसके बाद ही कंपनी का बिल बनेगा। दोनों मीटर की रीडिंग में बहुत अधिक अंतर आएगा तो उस इंडस्ट्री की चेकिंग तत्काल की जाएगी। उन्होंने बताया कि दोनों रीडिंग में अंतर आने का मतलब है कि उस इंडस्ट्री में कहीं न कहीं लाइन लॉस हो रहा है।

2 से 3 घंटे की बचेगी बिजली

गोरखपुर जोन को जितनी बिजली मिलती है, उनमें से 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा इंडस्ट्री में यूज होता है। बिजली विभाग सोर्सेज की मानें तो इनमें से 10 प्रतिशत बिजली बिल विभाग को मिलता ही नहीं है। अगर यह 10 प्रतिशत हिस्सा बिजली बच जाए, तो पूरे गोरखपुर मंडल को 2 से 3 घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिलने लगेगी। इस बिजली को बचाने के लिए विभाग ने कई बार कोशिश की, लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाया है।

लाइन लॉस रोकने और अधिक से अधिक बिजली राजस्व प्राप्त करने के लिए यह योजना बनाई गई है। इस योजना के क्रिन्यावन के लिए सभी फील्ड अफसरों को बोल दिया गया है। जल्द ही जिले की सभी इंडस्ट्री में दो मॉनीटरिंग मीटर लगा दिए जाएंगे।

डीके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम